राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 27 2020 9:17PM नया कृषि कानून किसानों की बजाय पूंजीपतियों को लाभ देने वाला- बृजमोहनरायपुर 27 अक्टूबर(वार्ता)छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कृषि कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूंजीपतियों को लाभ देने वाले है। श्री बघेल ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार की दुहाई देती है। जब एक राष्ट्र-एक बाजार है, तो कीमत भी एक होनी चाहिए। यदि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार-एक कीमत की व्यवस्था लागू कर दें, तो हमें कानून में संशोधन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तीन नये कानून बनाकर केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। केन्द्र सरकार का कानून किसानों को ठगने वाला कानून है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से किसानों के मन में संशय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों के उपज को कोई भी समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदेगा। श्री बघेल ने कहा कि हम अपने किसानों के हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, छत्तीसगढ़ के व्यापार को सुरक्षित रखना चाहते है।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग भोले-भाले है।लोग ठगाए मत, इसलिए हम मंडी अधिनियम में संशोधन कर किसानों और आम उपभोक्ता के हितों की रक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से छत्तीसगढ़ के किसानों को लाभ देने के मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अड़ंगा लगाया जा रहा है। केन्द्र सरकार किसानों को भ्रमित कर रही है। उन्होने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में जो तीन नए कानून बनाए है, उसकी जरूरत क्या थी? क्या किसी किसान संगठन ने या किसी राजनीतिक दल ने कानून में बदलाव की मांग की थी? कोरोना संकट काल में जब देश के लोग समस्याओं से जूझ रहे थे, ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार ने किसानों के हितों की परवाह न करते हुए कृषि के क्षेत्र में तीन नए अध्यादेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि इसके चलते केन्द्र सरकार के एक सहयोगी दल की मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। केन्द्र सरकार के नए कानून के तहत निजी मंडी खोलने की बात पर एतराज जताते हुए उन्होने कहा कि इसके जरिए सरकारी मंडियों को समाप्त करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून की वजह से धीरे-धीरे मंडियां खत्म हो जाएंगी। उन्होने विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा के दौरान धान खरीदी के संबंध में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने चावल उपार्जन की जो लिमिट इस साल तय की है। वह भी भेदभाव पूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से छोटे राज्यों की भी लिमिट छत्तीसगढ़ से ज्यादा है।उन्होने विपक्षी सदस्यों से छत्तीसगढ़ के किसानों और आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सर्व सम्मति से मंडी अधिनियम संशोधन विधेयक 2020 को पारित करने का आग्रह किया।साहूवार्ता