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कोरोनाकाल में मृत लोगों की अंतिम क्रिया कर मानवता का उदाहरण पेश कर रहे समाजसेवी

इंदौर, 06 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में मार्च से शुरू हुए कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान यहां के एक प्रमुख रामबाग मुक्तिधाम में एक टन से ज्यादा अस्थियां और एकत्रित राख को आज एक सामाजिक संस्थान ने पूरे विधिविधान से नदी में विसर्जित किया।
जिला मुख्यालय से लगभग 66 किलोमीटर दूर बड़वानी जिले के खड़ी घाट (नर्मदा नदी) में आज अस्थियां और राख को विसर्जित करने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप माने ने बताया वे रामबाग मुक्तिधाम में वर्षो से सेवाएं दे रहे हैं। जारी कोरोनाकाल के दौरान मुक्तिधाम में संक्रमण से मृतकों के शव दाह करने के लिए पहुंचने वाले ज्यादातर लोग भयभीत होते हैं। इन हालातों में यहां नगर निगम, सामाजिक संस्थाओं समेत अनेक लोग यहां काल कवलित हो चुके अपनों का दाह संस्कार करने के लिए पहुंचे हैं।
उन्होंने बताया ज्यादातर लोग अंतिम संस्कार के बाद राख और अस्थियां लेने किन्ही कारणों से नहीं आ सके। इसके बाद इनके परिजनों से अनुमति लेकर इनकी अस्थियां और राख को आज नर्मदा नदी में प्रवाहित कर इनके मोक्ष के लिए लिये प्रार्थना की गयी है।
समिति के अन्य सदस्य ने जानकारी साझा करते हुए दावा किया कि बीते कुछ माह में यहां आने वाले कई शवों का अंतिम संस्कार भी इन्हीं लोगों ने किया है। जिनमें मुख्यत: जिले के बाहर से यहां इलाज कराने आये कुछ लोगो के शव भी शामिल हैं। उनके परिजनों के आग्रह पर ऐसे 20 से ज्यादा मृतकों की राख और अस्थियां को आज नदी में प्रवाहित कर अंतिम संस्कार की अंतिम क्रिया को पूर्ण किया गया है।
उल्लेखनीय है कोरोना का प्रकोप झेल रहे इंदौर में बीते कुछ दिनों से नए सामने आने वाले संक्रमितों की संख्या और मौतों का आंकड़ा पहले की अपेक्षा कम हुआ है। जिले में अब तक 685 से ज्यादा लोगों की आधिकारिक रूप से मौत दर्ज की गई है। वहीं, अब तक जिले में 34 हजार से ज्यादा संक्रमित सामने आ चुकें हैं। कोरोनाकाल के दौरान यहां शासकीय महकमे के साथ सामाजिक संस्थाओं और आम नागरिकों ने मानवता के उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।
जितेंद्र बघेल
वार्ता
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