राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 7 2020 7:58PM माणिकचंद्र वाजपेयी दूरदर्शी पत्रकार थे - सोनीभोपाल, 07 नवंबर (वार्ता) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने आज कहा कि दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार माणिकचंद्र वाजपेयी 'मामाजी' ऐसे दूरदर्शी संपादक थे, जिन्होंने अपने संपादकीय में आपातकाल के बारे में पहले ही सचेत कर दिया था। श्री सोनी ने यहां पाञ्चजन्य द्वारा प्रकाशित पत्रिका 'माणिक जैसे मामाजी' के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी ने साढ़े चार दशक पहले अपने संपादकीय में पहले ही आपातकाल के बारे में सचेत कर दिया था। उन्होंने आपातकाल लगने से कुछ दिनों पहले ही लिख दिया था कि ऐसी काली रात आने वाली है, जब संवैधानिक अधिकार छीन लिए जायेंगे और लोगों के मुंह बंद कर दिए जायेंगे। श्री वाजपेयी की लेखनी में यह गहराई इसलिए थी, क्योंकि उनका जीवन समाज के प्रवाह के साथ एकरूप था। विश्व संवाद केंद्र, मध्यप्रदेश की ओर से स्थानीय मानस भवन में दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार माणिकचन्द्र वाजपेयी ‘मामाजी’ के जन्मशताब्दी वर्ष पर प्रकाशित विशेषांक ‘माणिक जैसे मामाजी’ का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री सोनी के अलावा स्वदेश के पूर्व संपादक जयकिशन शर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।श्री सोनी ने कहा कि सामान्य मनुष्य की इच्छा होती है कि उसकी कीर्ति हर तरफ फैले, उसके जाने के बाद भी लोग उसका यशगान करें। श्री वाजपेयी जैसे समर्पित लोग कभी यश की अपेक्षा नहीं करते। वह अदृश्य रहकर अपना कार्य करते रहते हैं। श्री वाजपेयी के रहते उन्होंने ऐसा कभी विचार नहीं किया कि वह असाधारण व्यक्ति हैं। उन्होंने तो बस जो सनातन परंपरा के मूल्य हैं, उन्हें अपने जीवन में उतारा और जो उनके पास आया, उनसे प्रभावित होता गया। स्वदेश के पूर्व संपादक श्री शर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि श्री वाजपेयी का जन्म, उनका पत्रकारिता में आना यह सब पूर्व निर्धारित था। उनका जीवन अत्यंत सामान्य था और वह स्वदेश के प्रधान संपादक होते हुए भी साइकल से घूमा करते थे। पुराना कुरता पहनते थे। अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार एक चौकीदार ने उनके कपड़े देखकर उन्हें कार्यालय के अन्दर जाने से रोक दिया था, लेकिन श्री वाजपेयी मुस्कुराते रहे। यह उनकी सरलता थी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार लाजपत आहूजा ने किया। प्रशांतवार्ता