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श्योपुर में खरीफ 2020-21 के लिए धान मिलिंग नीति के बिन्दु निर्धारित

श्योपुर, 13 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में राज्य शासन के निर्देशानुसार खरीफ वर्ष 2020-21 के लिए धान मिलिंग नीति के मुख्य बिन्दु निर्धारित कर दिये गये है। इसके तहत मिलिंग अवधि को कम करना, प्राप्त चावल की गुणवत्ता में सुधार, अतिरिक्त चावल को भारतीय खाद्य निगम को परिदान करने के अलावा मिलर को सोरटैक्स आधारित मिलिंग के लिए प्रोत्साहित किया जावेगा।

जिला कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मिलिंग नीति 2020-21 के नवीन बिन्दु वन के तहत धान की मिलिंग दो हिस्सो में होगी, जिसमें उपार्जन के दौरान एवं उपार्जन के उपरांत कार्यवाही की जावेगी। मिलर्स का पंजीयन भी दो भाग में होगा। उपार्जन के दौरान या बाद में पंजीयन उपरांत मिल का भौतिक एवं दस्तावेजी सत्यापन डीएम या डीएमओ द्वारा किया जावेगा। उपार्जन अवधि में तीन माह तक के धान के भण्डारण का प्रावधान स्वयं के मिल पर एवं एमपीडब्लयूएलसी से अनुबंधित कैप पर किया जावेगा। मिलर के द्वारा अपने मिल पर भण्डारित धान का भण्डारण शुल्क एवं सुखत दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

इसी प्रकार उपार्जन केन्द्र से धान का प्रदाय एवं प्रक्रिया निर्धारित की गई है। गुणवत्ता परीक्षण मिल के मिल पाईट पर, भण्डारण केन्द्र पर पीडीएस के पूर्व के किया जावेगा। सीएमआर के गुणवत्ता नियंत्रण के लिए थर्ड पार्टी क्विालिंटी कन्ट्रोल व्यवस्था दी गई है। मिलर के लिए भी मोबाइल एप बनाया जा रहा है। साथ ही मोबाइल एप से प्रतिदिन के स्टॉप की एन्ट्री मिलर द्वारा की जावेगी। मिलर का स्टॉक तैयार होने की सूचना एंव मिलर के विभिन्न बिलो की जानकारी, बिजली के बिल की प्रतिमाह प्रविष्टि, परिवहन, मिलिंग प्रोत्साहन तथा बारदाना के बिलो के भुगतान की व्यवस्था सीएमएस के होगी।

सं विश्वकर्मा
वार्ता
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