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मछली पालन से रोजगार के बेहतर अवसर होंगे उपलब्ध

भोपाल,15 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश में बायो फ्लॉक तकनीकी के माध्यम से मछली उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है।
जिले के बैरसिया विकासखंड में पहली बार बायो फ्लॉक तकनीकी के माध्यम से मत्स्य पालन कार्य किया जा रहा है एक निजी फार्मर अभय मिश्रा द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। विभाग इसका उपयोग एक डेमोंसट्रेशन यूनिट के रूप में प्रशिक्षण प्रदान करते हुए भोपाल जिले में रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत सरकार द्वारा मत्स्य पालन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है। इसका मुख्य उद्देश्यय मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता तकनीकी आधारभूत संरचना एवं प्रबंधन के अंतर को कम करना मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण एवं सुदृढीकरण करना है। मत्स्य पालन प्रबंधन ढांचा की स्थापना तथा मछुआरों एवं मत्स्य कृषकों की आय को बढ़ाना है।
इस योजना में विभिन्न योजनाएं जिसमें मत्स्य बीज उत्पादन के लिए बीज उत्पादन हैचरी की स्थापना, नवीन मत्स्यबीज संबर्धन हेतु पोखर, तालाब का निर्माण, नवीन तालाब, का निर्माण, मिश्रित मत्स्य पालन, पंगेसियस मछली पालन, तिलापिया मछली पालन हेतु इनपुट्स की व्यवस्था, जलाशय में मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन रंगीन मछलियों की ब्रेडिंग एवं रियरिंग के लिए ईकाई की स्थापना, पुनः संचारी जल कृषि प्रणाली की स्थापना, बायोफ्लोक की स्थापना, आईस बाक्स युक्त मोटर साईकिल/साईकिल, मछली बिक्री हेतु ई-रिक्षा रेफ्रीजरेटर ट्रक, जलाशय में केजस्थापना, फिश फिड मिल प्लांट, मछली क्योस्क का निर्माण, थोक मछली बाजार का निर्माण, आईस प्लांट स्थापना इत्यादि शामिल है।
योजना में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं महिला वर्ग के हितग्राहियों को इकाई लागत का 60 प्रतिशत एवं सामान्य वर्ग तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों को 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इस योजना में सम्मिलित गतिविधियों का लाभ अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 लेने के लिए इच्छुकव्यक्ति, मत्स्य पालक कार्यालय सहायक संचालक मत्स्योद्योग में आवेदन जमा कर सकतें हैं।
विश्वकर्मा
वार्ता
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