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बिजली कार्मिकों की शिकायतों के निराकरण के लिए आंतरिक शिकायत निवारण समिति की प्रक्रिया निर्धारित

भोपाल, 24 नवंबर (वार्ता) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने राज्य शासन के निर्देशानुसार राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति के प्रावधानों के अनुसार कर्मचारियों के सेवा मामलों से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए कंपनी स्तर, क्षेत्रीय कार्यालय स्तर और वृत्त स्तर पर आंतरिक शिकायत निवारण समितियों के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने एवं निवारण की प्रक्रिया निर्धारित कर दी है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कंपनी क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त सभी कर्मचारी मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति के अनुसार अपनी सेवा संबंधी शिकायतों के लिये न्यायालय में जाने के पूर्व अपनी शिकायत सक्षम आंतरिक शिकायत निवारण समिति के समक्ष अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करेंगे।
सेवा संबंधी मामलों में कंपनी की अधिकार प्रत्यायोजन पुस्तिका के अनुसार जिस स्तर के अधिकारी को संबंधित अधिकार प्रदत्त है, कर्मचारी को शिकायत संबंधी आवेदन उस कार्यालय की शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष को संबोधित कर देना होगा। ऐसे आवेदन प्राप्त होने पर, 8 सप्ताह के अंदर शिकायत निवारण समिति की बैठक आयोजित कर नियमों के परिप्रेक्ष्य में अपने निर्णय से संबंधित शिकायतकर्ता को सूचित करना होगा, यदि शिकायत निवारण समिति शिकायत का निवारण करने में सक्षम नहीं पाती है, तो शिकायती आवेदन उच्च स्तर की शिकायत निवारण समिति को अविलंब अग्रेषित कर सकेगी।
आंतरिक शिकायत निवारण समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी प्रकरण में अपील में जाने के पूर्व इस आशय का प्रमाण-पत्र जारी करे कि कार्मिक का प्रकरण आंतरिक शिकायत निवारण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, लेकिन उसका निवारण नहीं किया जा सका। शिकायतों के निराकरण के लिये 8 सप्ताह की एक समय-सीमा नियत की गई है। सभी शिकायत निवारण समितियां प्रत्येक माह में एक बार बैठक करेगी।
विश्वकर्मा
वार्ता
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