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दंडित बंदियों की सजा एक माह कम होगी: मिश्रा

भोपाल, 03 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि मुसीबत का आना पार्ट ऑफ लाइफ है और मुसीबत से बाहर आ जाना आर्ट ऑफ लाइफ है। जेलों में बंद दंडित बंदियों की सजा में एक माह की कमी की जाकर उन्हें 30 दिन पहले रिहा किया जायेगा।
डॉ मिश्रा ने ये बातें कोरोना वॉरियर्स जेलकर्मियों के लिये आयोजित सम्मान समारोह में सेंट्रल जेल भोपाल में कही। उच्च सुरक्षा इकाई के लिए 3 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित आवासीय परिसर का लोकार्पण भी सेंट्रल जेल में किया गया। जेल परिसर में मंत्री डॉ. मिश्रा ने महिला बन्दियों की नन्हीं बालिकाओं को उपहार भेंट किये। सेन्ट्रेल जेल के सभागार में डॉ. मिश्रा और श्री सारंग ने दिवंगत जेल उप अधीक्षक श्री त्रिपाठी और गैस त्रासदी के मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सेंट्रल जेल भोपाल के सांस्कृतिक भवन का सभागार अब जेल प्रहरी स्व. रमाकांत यादव सभागार के नाम से जाना जायेगा। उन्होंने छिंदवाड़ा के डिप्टी जेलर राजकुमार त्रिपाठी के कोरोना से दिवंगत होने पर उनकी धर्मपत्नी प्रीति त्रिपाठी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के निर्देश दिये। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि पुलिसकर्मियों की तरह ही जेलकर्मियों के लिये भी सम्पूर्ण प्रदेश में सर्वसुविधा-युक्त आवासगृहों का निर्माण किया जायेगा।
डॉ. मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि आगामी 11 दिसंबर से 24 दिसंबर तक प्रदेश में जेल विभाग के 282 पदों की पूर्ति के लिये परीक्षा आयोजित की जायेगी। उन्होंने कोरोना वॉरियर्स को सम्मानित करते हुए कहा कि आपने अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा और सेवा-परायण से अन्यों को भी महामारी से उबरने में सहायता प्रदान की है। मेडल नाम का होता है पर संतोष काम का होता है। आपके द्वारा जो कार्य किया गया है, वह आपको जीवन-भर परोपकार करने का संतोष प्रदान करता रहेगा।
डॉ मिश्रा ने जेल विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना की महामारी के दौरान प्रदेश के 45 हजार से अधिक बंदियों का बेहतर प्रबंधन करते हुए एक भी कोरोना पीड़ित का काल-कवलित नहीं होना जेल विभाग की बेहतर कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है। जेलें न केवल कारागार हैं बल्कि सुधारगृह भी हैं। यहाँ बंदियों के बौद्धिक विकास के द्वारा विकार दूर कर विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाता है।
उन्होंने कैदियों के आत्मबल संवर्धन के लिये कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश जेल महानिदेशक संजय चौधरी को दिये।
चिकित्सा शिक्षा एवं गैस राहत व पुनर्वास मंत्री श्री सारंग ने कहा कि जेलों में चिकित्सकों की कमी शीघ्र पूरी करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि जेलकर्मियों ने कोरोना संक्रमण से बंदियों के बचाव के लिये उत्कृष्ट कार्य किया है। श्री सारंग ने गैस त्रासदी के समय को याद करते हुए कहा कि आज का दिन सबक और संकल्प लेने का दिन है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा करेंगे।
समारोह को संबोधित करते हुए स्थानीय सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि सत्य पर चलने में कभी कष्ट नहीं होता है। सत्य को परास्त नहीं किया जा सकता है। यदि हम सही हैं तो ईश्वर हमें कभी गलत साबित नहीं होने देंगे। यदि हमें कष्ट होता है तो इसका अर्थ है कि ईश्वर हमारी परीक्षा ले रहे हैं। उन्होंने जेलों में बिताये गये समय के संस्मरण भी सुनाये।
सेंट्रल जेल भोपाल में आयोजित सम्मान समारोह में उत्कृष्ट कार्य के लिए जेलकर्मियों को महानिदेशक प्रशस्ति चिन्ह से डॉ. मिश्रा और सांसद साध्वी ठाकुर ने सम्मानित किया। समारोह में कोरोना वॉरियर्स सम्मान कोरोना से दिवंगत हुए डिप्टी जेलर छिंदवाड़ा श्री त्रिपाठी को मरणोपरांत प्रदान किया गया, जिसे उनकी धर्मपत्नी श्रीमती त्रिपाठी ने ग्रहण किया। समारोह में 64 जेलकर्मियों को सम्मानित किया गया। इनमें 20 कोरोना वॉरियर्स को विशिष्ट पदक प्रदान किये गये। जेलकर्मी गीता रायकवार और नीना श्रीवास्तव प्रशंसनीय कार्य के लिये सम्मानित किया गया।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने सेंट्रल जेल परिसर भोपाल में उच्च सुरक्षा इकाई के लिये 3 करोड़ 1 लाख 32 हजार रूपये की लागत से निर्मित किये गये आवासीय परिसर का लोकार्पण किया। इसमें 100 प्रहरी निवास कर सकेंगे। इस अवसर पर जेल महानिदेशक संजय चौधरी, ए.डी.जी. अशोक अवस्थी, ए.डी.जी. जेल जी.आर. मीणा, जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे और जेल विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
बघेल
वार्ता
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