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राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


जशपुर में भी होगा सेव का उत्पादन

पत्थलगांव, 20 दिसंबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पंडरापाठ क्षेत्र में ठंडी और अनुकूल जलवायु के मद्देनजर यहां हिमाचल और कश्मीर की तरह सेव की खेती के लिए तैयारी शुरू की गई है।

कलेक्टर महादेव कांवरे ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि पंडरापाठ क्षेत्र के मुड़ाकोना गांव के समीप लगभग 100 एकड़ भूमि पर ग्रीन पार्क निर्माण का काम शुरू कराया है। इस पार्क के 25 एकड़ में नाशपाती के पौधे रोप लिए गए हैं। इसके बाद अब 10 एकड़ में 1600 सेव के पौधे रोपने की तैयारी शुरू हो गई है। इसी पार्क में किसानों का गोठान और साग सब्जी की व्यवसायिक पैदावार भी ली जाऐगी। इसके साथ ही आवागमन के लिए अच्छी सड़क और अन्य व्यवसायिक सुविधा एवं पर्यटन के क्षेत्र में भी बढ़ावा दिया जाऐगा।
पंडरापाठ के ग्रीन पार्क में सेव की खेती के लिए जशपुर उद्यानिकी विभाग ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय सोलन से भी लगातार मार्गदर्शन लिया गया है। अब मिट्टी के परीक्षण के बाद जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में सेव के 1600 पौधे रोप लिए जाएंगे।
बगीचा स्थित फलोंद्यान अधिकारी पींगल कुजूर ने बताया कि जशपुर का पंडरापाठ क्षेत्र के किसान पहले आलू और टॉऊ (फाफर) की ही पैदावार लेते थे। लेकिन फलोंद्यान विभाग ने जब किसानों को फलों की व्यवसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया तो यहां रोजगार के अच्छे अवसर बने। इसी वजह अब सेव की खेती को लेकर किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रारंभ में सेव के पौधे में 15 किलोग्राम तक फल मिल जाता है। इसके बाद इसमें लगातार वृद्धि होती है। पंडरापाठ क्षेत्र के ग्रीन पार्क में महिला स्व सहायता समूह को लेकर सेव की पैदावार शुरू करने के बाद 3 साल तक फलोंद्यान विभाग द्वारा इसकी देखरेख की जाएंगी। इस दौरान फलोद्यान से जुडी महिलाओं को इस खेती का पूरा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सं विश्वकर्मा
वार्ता
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