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सब्जी बीडर, प्लांटेशन की नई मशीनों पर किसानों को मिलेगा अनुदान: कुशवाह

भोपाल, 29 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार)राज्य मंत्री भरत सिंह कुशवाह ने कहा है कि लहसुन, प्याज, भिण्डी आदि उद्यानिकी फसलों की बुवाई, प्लांटेशन की केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी द्वारा निर्मित नई मशीनें किसानों को उपलब्ध करवाने में सरकार अनुदान देगी।
श्री कुशवाह ने संस्थान में नई विकसित और विकसित की जा रही मशीनों का अवलोकन करने के बाद यह बात कही। उन्होंने केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान नबीबाग में प्रसंस्करण मशीनों का भी अवलोकन किया। उन्होंने प्याज भंडारण के लिए बहुत ही कम कीमत में नई तकनीक से विकसित तकनीक को भी समझा और इसकी सराहना की। राज्य मंत्री ने कहा कि उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए बुवाई, पौध रोपाई, निराई गुडाई आदि के लिए हाल ही में विकसित मशीने और तकनीक किसानों के जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकती है। जरूरत है किसानों को इन मशीन और तकनीकों को अपनाने में मदद देने की।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को परम्परागत मशीनों के स्थान पर उन्नत नई मशीनों को अनुदान सूची में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को सब्जी और फलों की खेती के लिए विकसित नई मशीनों को खरीदने पर अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के भ्रमण के बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित फल अनुसंधान केन्द्र ईंटखेड़ी का अवलोकन किया।
राज्य मंत्री ने केन्द्र में मसाले और फलों की प्रसंस्करण इकाई को देखा। उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण की यह छोटी-छोटी इकाइयों का लाभ किसानों को भी मिलेगा। इन इकाइयों को किसान खुद संचालित कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब उद्यानिकी कृषक केवल सब्जी, फलों की फसले उत्पादित ही नहीं करेगा बल्कि इनका प्रसंस्करण भी करेगा। किसान उद्यानिकी फसल को कच्चे उत्पाद को व्यापारियों को कम कीमत पर नहीं बल्कि प्रसंस्करण कर धनिया, हल्दी, मिर्ची, मसाले, टमाटर, आलू आदि का प्रसंस्करण कर तैयार सामग्री सीधे उपभोक्ताओं तक देगा। इसके लिए किसानों को छोटी फुड प्रोसेसिंग इकाई लगाने में और फुड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण देने में उद्यानिकी विभाग द्वारा योजना बना ली गई है।
श्री कुशवाह ने केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान नबीबाग में संस्था की गतिविधियों का अवलोकन कर निदेशक डॉ. आर.सी. मेहता से कहा कि वह मंत्री के रूप में नहीं एक किसान के रूप में संस्थान की मशीनों को देखने आये हैं। इन मशीनों का लाभ राज्य के उद्यानिकी कृषक ले यह सुनिश्चित करना है। फल अनुसंधान केन्द्र में डॉ. शालिनी चक्रवर्ती ने फल प्रसंस्करण प्लांट और कृषकों को दिए जा रहे प्रशिक्षण की जानकारी दी।
बघेल
वार्ता
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