Friday, Mar 29 2024 | Time 14:23 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


धान खरीद को लेकर केन्द्र एवं छत्तीसगढ़ सरकार में जंग छिड़ने के आसार

रायपुर 30 दिसम्बर(वार्ता)कृषि बिलो को लेकर किसानों के चल रहे आन्दोलन के बीच समर्थन मूल्य पर धान खरीद को लेकर छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार एवं केन्द्र की मोदी सरकार के बीच टकराव होने के आसार बढ़ गए है।
राज्य के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज यहां पत्रकारो से यह संकेत देते हुए कहा कि केन्द्र के रवैये से राज्य में धान खरीद को लेकर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। केन्द्र ने इस खरीद सीजन में 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद की सहमति दी थी,लेकिन अभी तक भारतीय खाद्य निगम(एफसीआई) ने राज्य से एक किवंटल चावल का भी उठाव नही किया हैं। इससे धान खरीद केन्द्रों पर भारी मात्रा में धान एकत्रित हो गया है। वारदाने की कमी के चलते की जगहों पर धान खरीद प्रभावित हो रही है।
खरीद केन्द्रों से धान का उठाव नही होने एवं उससे खरीद प्रभावित होने से उत्पन्न स्थिति पर विचार के लिए राज्य मंत्रिपरिषद की आज यहां आपात बैठक हुई जिसमें पूरे हालात पर विचार किया गया। इसमें केन्द्र सरकार से एफसीआई को शीघ्र चावल के उठान का निर्देश देने की जहां मांग की गई,वहीं जरूरत पड़ने पर पूरे मंत्रिमंडल के साथ दिल्ली भी कूच करने पर सहमति बनी है।धान खरीद प्रभावित होने के मद्देनजर कल ही किसानों संगठनों के प्रतिनिधियों से मंत्रालय में बैठक करने का भी निर्णय लिया गया है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केन्द्र एवं राज्य के बीच टकराव का मुख्य कारण समर्थन मूल्य पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अतिरिक्त बोनस देना है। मोदी सरकार ने राज्यों के स्पष्ट कर दिया था कि जो भी राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर बोनस देंगी,उनके राज्यों में केन्द्र सरकार खरीद नही करेंगी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों से 2500 रूपये क्विंटल धान की खरीद का वादा किया है। गत वर्ष केन्द्र की आपत्ति पर कांग्रेस सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीद की निर्धारित राशि का भुगतान तो तुरंत कर दिया,जबकि 2500 रूपए के अन्तर की राशि को वह किश्तों में राजीव गांधी न्याय योजना के तहत दे रही है।
जानकारो के अनुसार केन्द्र को इस पर भी आपत्ति है। उसने राज्य सरकार से राजीव गांधी न्याय योजना का ब्योरा मांगा है। पहले तो यह माना जा रहा था कि केन्द्र योजना से प्रभावित है,इस कारण जानकारी मांग रहा है,पर अब माना जा रहा है कि वह इसके जरिए अन्तर की राशि देने से असहमत है। इस कारण एफसीआई चावल का उठाव नही कर रही है।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि किसानों के सामने उत्पन्न समस्या पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से फोन पर भी बात की है,और पीएमओ के पत्र भी लिखा है। उन्होने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह को भी इस समस्या की ओर केन्द्र का ध्यान आकृष्ट करना चाहिए। कम से कम उन्हे ट्वीट तो करना चाहिए।
साहू
वार्ता
image