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शिवराज ने उज्जैन को दी पांच सौ करोड़ की सौगात

उज्जैन, 12 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां 500 करोड़ लागत की श्री महाकाल विकास योजना को मंजूरी प्रदान कर बड़ी सौगात दी है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान ने निर्माण कार्यों को गति प्रदान करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से विस्थापित होने वाले व्यक्तियों, दुकानदारों, छोटे-मोटे धंधे करने वाले व्यक्तियों का भी विशेष ध्यान रखा जाये। उन्होंने योजना के विभिन्न घटकों का नामकरण उज्जैन की परम्परा एवं संस्कृति के आधार पर करने के लिये कहा। मुख्यमंत्री ने देश एवं विदेश में इस तरह के निर्माण कार्यों में जहां-जहां अच्छे प्रयोग हुए हैं, उनका अनुकरण करने को कहा।
श्री चौहान ने योजना के तहत अन्नक्षेत्र एवं प्रवचन हॉल और धर्मशाला के लिये स्थान चिन्हित करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि नये प्रवचन हॉल, धर्मशाला आदि का जैसे-जैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ता जाये, वैसे-वैसे पुराने निर्माण हटाये जायें। मुख्यमंत्री ने रूद्रसागर में किये जा रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, स्कूल शिक्षा एवं सामान्य प्रशासन मंत्री इंदर सिंह परमार, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, उज्जैन-आलोट सांसद अनिल फिरोजिया, देवास सांसद महेन्द्र सिंह सिसौदिया, विधायक पारस जैन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
श्री महाकाल क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत परियोजना के क्रियान्वयन से श्री महाकालेश्वर मन्दिर का क्षेत्रफल वर्तमान स्थिति से 8 से 10 गुना बढ़ जायेगा। प्रजेंटेशन में बताया गया कि प्रथम चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स, पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल एवं अन्नक्षेत्र का निर्माण होगा।
द्वितीय चरण में महाराजवाड़ा, रूद्र सागर जीर्णोद्धार, छोटा रूद्र सागर लेक फ्रंट, रामघाट का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केन्द्र, हरिफाटक पुल का चौंड़ीकरण एवं रेलवे अण्डरपास तथा रूद्र सागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार, बेगमबाग मार्ग का विकास, रूद्र सागर पश्चिमी मार्ग तथा महाकाल पहुंच मार्ग का उन्नयन किया जायेगा। महाकाल कॉरिडोर के तहत प्रथम घटक में पैदल चलने के लिए उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया जायेगा। लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेकफ्रंट एरिया और ई-रिक्शा व आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग तैयार होगा। मिडवे झोन के अन्तर्गत पूजन सामग्री की दुकानें, फूडकोर्ट, लेकव्यू रेस्टोरेंट, लेकफ्रंट डेवलपमेंट, जनसुविधाएं, टॉवर सहित निगरानी एवं नियंत्रण केन्द्र की स्थापना होगी। महाकाल थीम पार्क के अन्तर्गत महाकालेश्वर की कथाओं से युक्त म्युरल वाल, सप्त सागर के लिए डेक एरिया तथा डेक के नीचे शापिंग क्षेत्र, बैठक क्षेत्र सुविधाएं विकसित होंगी।
इसी तरह त्रिवेणी संग्रहालय के समीप कार, बस व दोपहिया वाहन की पार्किंग बनेगी। इसी क्षेत्र में धर्मशाला और अन्नक्षेत्र भी प्रस्तावित हैं। कोबल्ड स्टोन की रोड क्रॉसिंग के जरिये पदयात्रियों की कनेक्टिविटी विकसित की जा रही है।मृदा प्रोजेक्ट द्वितीय चरण के अन्तर्गत महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जायेगा। इसमें ऐतिहासिक भवन का हैरिटेज के रूप में पुर्नउपयोग, भवन का आंशिक उपयोग कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश करते हुए इस परिसर का महाकाल मन्दिर परिसर से एकीकरण किया जायेगा।
बघेल
वार्ता
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