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कोविड वैक्सीनेशन: 16 जनवरी से होगी शुरूआत

भोपाल, 15 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह ने कल से शुरू हो रहे कोविड वैक्सीनेशन को लेकर आज वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग से चर्चा कर कोविड की तैयारी और किये गये प्रयासों की सराहना की।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मंत्रीद्वय डॉ चौधरी और श्री सारंग ने मीडिया कार्यशाला में बताया कि प्रथम चरण में हेल्थ केयर वर्कर्स को यह वैक्सीन दी जायेगी। इसी दिन मध्यप्रदेश की 150 स्वास्थ्य संस्थाओं पर भी वैक्सीनेशन प्रारंभ किया जायेगा। यह सभी संस्थाएं वेब कास्टिंग के माध्यम से केन्द्रीय कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ जोड़ी जायेंगी। कोविड वैक्सीनेशन तीन चरण में किया जायेगा।
पहले चरण में हेल्थ केयर वर्कर्स और दूसरे चरण में फ्रांट लाइन वर्कर्स जैसे पुलिस एवं डिफेंस कर्मचारी, राजस्व कर्मचारी, नगर निकायों के कर्मचारी को वैक्सीन दिया जायेगा। तीसरे चरण में 50 वर्ष की आयु से ऊपर तथा 50 वर्ष के आयु से कम कोमार्विड लोगों को वैक्सीन लगाया जायेगा।
मध्यप्रदेश में प्रथम चरण में लगभग 4 लाख 17 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स को चरणबद्ध तरीके से वैक्सीनेट किया जाएगा। शुरू के पहले हफ्ते में 150 स्वास्थ्य संस्थाओं पर लगभग 57 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स, दूसरे हफ्ते में 177 स्वास्थ्य संस्थाओं से संबद्ध लगभग 55 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा। इन्हीं हेल्थ केयर वर्कर्स को 28 दिवस के बाद दूसरी डोज भी लगाई जाएगी।
चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी 4 लाख 17 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स का समयबद्ध वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रदेश को प्रथम चरण में कोविशील्ड वैक्सीन के 5 लाख 6 हजार 500 डोज प्राप्त हो चुके हैं। यह वैक्सीन सभी जिलों को आवश्यकतानुसार आवंटित की गई है। यह वैक्सीन राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के हेल्थ केयर वर्कर्स, प्राइवेट संस्थाओं के हेल्थ केयर वर्कर्स एवं आर्म्ड फोर्स के हेल्थ केयर वर्कर्स के लिये उपलब्ध कराई जा रही है। प्रत्येक सेशन साइट पर 3 कमरों की व्यवस्था होगी - वेटिंग हॉल, वैक्सीनेशन कमरा, ऑब्जर्वेशन कमरा।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक साइट पर पानी पीने की व्यवस्था, शौचालय, आवश्यक संसाधन जैसे- सीरिंज, मास्क, सेनेटाइजर एवं बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जायेगी।
प्रदेश में प्रत्येक वैक्सीनेशन साइट पर 6 लोगों की एक टीम पदस्थ होगी। इसमें एक सुरक्षा गार्ड, एक वेरिफायर, 2 वैक्सीनेटर, एक एएनएम/आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक चिकित्सक पदस्थ किया जायेगा। जिले पर पर्याप्त रिजर्व टीम का प्रबंध किया गया है। प्रत्येक सेशन में 100 लोगों का वेक्सीनेशन किया जायेगा। मंगलवार, शुक्रवार, रविवार एवं राष्ट्रीय अवकाश दिवस छोड़कर एक हफ्ते में 4 दिन वेक्सीनेशन किया जायेगा। प्रत्येक सेशन में आने वाले एचडब्ल्यूसी का चयन कोविन पोर्टल से किया जायेगा।
हर व्यक्ति जिसको वैक्सीन लगना है, उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर वैक्सीन लगने का स्थान एवं समय एक दिन पहले सूचित किया जायेगा। एईएफआई मैनेजमेंट के लिये प्रत्येक साइट पर एक चिकित्सक, एनाफाइलेक्सिस किट और एक एम्बुलेंस उपलब्ध रहेगी। चिकित्सा महाविद्यालयों को भी एईएफआई मैनेजमेंट के लिये तैयार किया गया है।
'कोविशील्ड एवं को-वैक्सीन' दोनों प्रकार की वैक्सीन में कोई अंतर नहीं है। इनको सभी विशेषज्ञों द्वारा सुरक्षित बताया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा इनकी सेफ्टी की पुष्टि की गई है। दोनों वैक्सीन का उपयोग गर्भवती महिलाओं, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा वैक्सीन से एलर्जी वाले लोगों में वर्जित है। कोविशील्ड की एक वैक्सीन वॉयल में 10 डोज़ होंगे। खुलने के बाद वॉयल को 6 घण्टे के अंदर इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
इस वैक्सीन का स्टोरेज 2 से 8 डिग्री तापमान पर करना है। हर व्यक्ति को वैक्सीन की 2 डोज़ लगेंगे। सामान्य वैक्सीन की तरह इस वैक्सीन के भंडारण, परिवहन, हैण्डलिंग एवं 'क्या करें एवं क्या न करें' की जानकारी अलग से उपलब्ध कराई गई है। वैक्सीनेशन से संबंधित सभी प्रकार के प्रशिक्षण राज्य और जिला स्तर पर पूर्ण किये जा चुके हैं। इस अभियान की मॉनीटरिंग के लिये प्रत्येक जिले में और राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। इनमें हर समय मेडिकल एवं टेक्निकल सहायता उपलब्ध रहेगी।
इसके अलावा 1075 एवं 104 कॉल सेन्टर भी मॉनीटरिंग के लिये उपलब्ध रहेंगे। मध्यप्रदेश सरकार कोविड वैक्सीन रुल आउट के सुचारू संचालन के लिये कटिबद्ध है।
बघेल
वार्ता
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