राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Feb 11 2021 5:17PM बोधघाट परियोजना में आदिवासियो का कोई अहित नहीं होगा-उइकेजगदलपुर 11 फ़रवरी (वार्ता) छतीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि बोधघाट परियोजना में आदिवासियो का कोई अहित नहीं होगा। सुश्री उइके आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार आदिवासियों के लिये जो योजनायें बेहतर तरीके से बनाई है उसमें जो भी कमी होगी उसे पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास कार्यो पर नजर रखती हैं। उन्होंने कहा कि बोधघाट परियोजना में बस्तर के लोगों का अहित नहीं होगा जो भी कार्य योजना बनेगी बिना ग्राम सभा के नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक बाँध का सर्वे कार्य पूरा होगा उसके बाद ही पुनर्वास निति बनेगी और प्रभावित होने वाले गांव में ग्राम सभा आयोजित कर आगे का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा संस्कृति को बचाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी महिलाओं से शादी कर लोग जमीन खरीद कर विक्रय करने का काम कर रहे हैं। इस पर भी लगाम लगाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की वजह से बहुत सारे कार्य रुके हुए हैं। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए अच्छी व कारगर पुनर्वास नीति बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि उसे देखकर अन्य नक्सली भी मुख्यधारा में लौट सकें। बस्तर में शांति बहाली के लिए उन्होंने नक्सलियों को हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि उड़ीसा सरकार से छत्तीसगढ़ को पानी दिए जाने की भी बात चल रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के सहमति के बगैर कोई भी काम नहीं किया जाएगा बड़ी योजनाओं और उद्योग स्थापित के लिये ग्रामसभा सर्वोपरि है। करीम नागवार्ता