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राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


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इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज यहां 'जलाभिषेकम्' के अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 57 हजार जल संरचनाओं का वर्चुअल लोकार्पण हुआ है। इन जल संरचनाओं से प्रदेश की 2.50 लाख हे. भूमि सिंचित होगी और वह भी बिना एक इंच जमीन डुबाए। इन छोटी-छोटी जल संरचनाओं ने ऐसा काम कर दिया, जो बड़े डैम नहीं कर पाए। कोरोना के कठिन काल में मनरेगा योजना ताकत बनकर उभरी है। हमारे गाँवों में लौटे प्रवासी श्रमिकों को इस माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया गया, निर्माण कार्य हुए और बड़े क्षेत्र में जल सुविधा का विस्तार हुआ। इन सब गतिविधियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खजाना खोलकर राज्य को भरपूर सहयोग दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में 57 हजार 653 जल संरचनाओं का निर्माण हुआ। इनमें से 53 हजार 517 मनरेगा में और 04 हजार 136 वॉटरशेड क्षेत्रों में बनी, जिन पर 02 हजार करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गई। इसमें 17 हजार 604 व्यक्तिगत खेत-तालाब हैं, 02 हजार 365 सामुदायिक खेत-तालाब, 05 हजार 119 तालाब, 1972 परकोलेशन टेंक, 05 हजार 773 स्टॉप डेम-चैक डेम, 19 हजार 08 कपिलधारा कूप और 05 हजार 288 सामुदायिक कूप हैं। अभियान में 864 बावड़ियों का जीर्णोद्धार भी किया गया है। इन जल संरचनाओं से लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि में कृषि सिंचाई सुविधा विकसित हुई है साथ ही भूमिगत जल स्‍तर में बढ़ोत्‍तरी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति ही जल संस्कृति है। उन्होंने रहीम जी, तुलसीदास जी का संदर्भ देते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड में महाराज छत्रसाल द्वारा व्यापक स्तर पर तालाबों का निर्माण कराया गया। बुंदेलखण्ड में निर्मित चंदेलकालीन ऐतिहासिक तालाबों को चिन्हित कर उनके जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ किया जा रहा है। प्रदेश में नदियों के पुनर्जीवन का कार्य भी चल रहा है।
श्री चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आज सुबह संसद में भारत की सीमाओं की रक्षा के संबंध में दिए गए वक्तव्य का उल्लेख भी किया और कहा कि रक्षा मंत्री का वक्तव्य हमारे गर्व को बढ़ाता है। उन्होंने वर्चुअल आधार पर जनप्रतिनिधियों से बातचीत भी की। खण्डवा जिले की ग्राम पंचायत डोंगलगांव की प्रधान श्रीमती रेशम बाई ने बताया कि कावेरी नदी पर बनाए गए चैक डेम और नदी पुनर्जीवन के लिए चलाए गए कार्यों के परिणाम स्वरूप कावेरी नदी में अब बारह महीने पानी रहने लगा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना काल में आए श्रमिकों के संबंध में रेशम बाई से जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने मुरैना जिले की कैलारस ग्राम पंचायत के अमर सिंह से क्षेत्र में जल संरक्षण के कार्यों के बारे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि 21 तालाबों का निर्माण क्षेत्र में किया गया है। इससे क्षेत्र की 200 बीघा जमीन सिंचित हुई है, लोग दो फसलें ले रहे हैं। सागर जिले की ग्राम पंचायत छुल्ला के जनप्रतिनिधि संजय दुबे से पूछा कि कोरोना काल कैसा निकला। इस पर श्री दुबे ने बताया कि लगभग 100 प्रवासी श्रमिक पंचायत क्षेत्र में आए थे। इन सभी को रोजगार उपलब्ध कराया गया। जल संरचनाओं के निर्माण से सिंचाई सुविधाओं का‍ विस्तार हुआ है।
कार्यक्रम के आंरभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कन्या पूजन किया गया। इस कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी राज्यमंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव तथा नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया आदि उपस्थित थे।
नाग
वार्ता
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