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गोडसे समर्थक नेता के कांग्रेस में प्रवेश के बाद अरुण यादव ने खोला मोर्चा

भोपाल, 26 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में ग्वालियर के हिंदू महासभा से जुड़े नाथूराम गोडसे समर्थक एक नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में प्रवेश को लेकर चल रही राजनीति के बीच कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आज सामने आकर मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने ट्वीट के जरिए लिखा है 'महात्मा गांधी और गांधी विचारधारा के हत्यारे के खिलाफ, मैं खामोश नहीं बैठ सकता हूं।' इसके साथ ही उन्होंने एक पेज का अपना बयान भी पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे आरएसएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किए बगैर जबानी जंग नहीं, सड़कों पर लड़ते हैं। उनकी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है।
इसके पहले कल भी श्री यादव ने ट्वीट कर लिखा था 'बापू हम शर्मिंदा हैं। महात्मा गांधी अमर रहें।'
दरअसल ग्वालियर के हिंदू महासभा से जुड़े एक नेता बाबूलाल चौरसिया दो तीन दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इससे संबंधित फोटाे भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है, जिसमें वरिष्ठ नेता कमलनाथ श्री चौरसिया का अभिवादन करते हुए दिख रहे हैं। श्री चौरसिया ग्वालियर नगर निगम के पार्षद भी हैं।
इसके पहले बुधवार को प्रदेश कांग्रेस की ओर से ट्वीट किया गया है जिसमें लिखा है 'ग्वालियर के वार्ड 44 के पार्षद एवं हिन्दू महासभा के नेता श्री बाबूलाल चौरसिया आज प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। श्री चौरसिया जी का कांग्रेस परिवार में स्वागत है।'
श्री यादव ने अपने आज के सार्वजनिक किए गए बयान में कहा है कि उन्होंने इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ उस समय जाकर तिरंगा फहराया था, जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं फहराया जाता है। देश के सारे बड़े नेता कहते है कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था। आज गोडसे की पूजा करने वाले की कांग्रेस में प्रवेश को लेकर वे सब खामोश क्यों हैं।
श्री यादव ने लिखा है कि यदि यही स्थिति रही तो क्या कांग्रेस भोपाल की सांसद प्रभा ठाकुर कभी पार्टी में आना चाहेंगी, तो उनका विरोध नहीं होगा। उनका कहना है कि सुश्री प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त बताया था और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे प्रज्ञा को जिंदगी भर माफ नहीं कर सकते हैं।
श्री यादव ने लिखा है कि अपनी ही सरकार में कमलनाथ ने इन्हीं बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों का ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। इन स्थितियों में जब संघ और पूरी भाजपा एकजुट होकर महात्मा गांधी, नेहरु और सरदार वल्लभ भाई पटेल के चेहरे को षड़यंत्रपूर्वक नयी पीढ़ी के सामने भद्दा करने की कोशिश कर रही है, तब कांग्रेस की गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते वे खामोश नहीं बैठ सकते हैं।
श्री यादव ने अपने बयान के अंत में कहा कि यह उनका वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होकर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को समर्पित है। इसके लिए वे हर राजनैतिक क्षति सहने के लिए तैयार हैं।
प्रशांत
वार्ता
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