Saturday, Apr 20 2024 | Time 18:18 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


केंद्र ने कम की हिस्सेदारी, मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति प्रभावित

भोपाल, 01 मार्च (वार्ता) केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित अनुमान में राज्यों को केंद्रीय करों में दी जाने वाली हिस्सेदारी को बहुत कम किया गया है, जिस वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार के वार्षिक बजट को विधानसभा में पेश किए जाने के एक दिन पहले आज यहां मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण (2020 21) जारी किया गया, जिसमें यह टिप्पणी की गयी है। सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य के सकल घरेलु उत्पाद में 3़ 37 प्रतिशत की कमी हुयी है। इसके अलावा प्रति व्यक्ति शुद्ध आय में भी 6़ 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। राजस्व प्राप्तियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 8़ 05 प्रतिशत कम है।
सर्वेक्षण के अनुसार मध्यप्रदेश में वित्त वर्ष 2004 05 से राजस्व आधिक्य रहने के बाद वर्ष 2019 20 के पुनरीक्षित अनुमान में 2697़ 77 करोड़ रुपयों का राजस्व घाटा अनुमानित है। राजस्व व्यय में बजट अनुमान की अपेक्षा पुनरीक्षित अनुमान में कम राशि प्राप्त होने के कारण राजस्व व्यय को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से 2019 20 के पुनरीक्षित अनुमान में राज्यों को केंद्रीय करों में दी जाने वाली हिस्सेदारी की राशि को बहुत कम किया गया है। इस कारण राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
सर्वेक्षण में इसी क्रम में आगे बताया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को 4443 करोड़ रुपयों के अतिरिक्त ऋण प्राप्त करने की अनुमति दी गयी है। इस अनुमति के उपयोग के लिए राज्य सरकार ने मप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 में 2019 20 में संशोेधन किया गया और इसी आधार पर वर्ष 2019 20 का राजस्व घाटा अनुमानित किया गया है।
प्रशांत
जारी वार्ता
image