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न्यायालय से साढ़े तीन सौ कोरोना वारियर्स को राहत

इंदौर, 03 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने आज साढ़े तीन सौ उन कोरोना वारियर्स को राहत देते हुए एक जनहित याचिका को निराकृत कर दिया जिसमें एक योजना के तहत इनके 'शासकीय आवासों' को तोडा जाना प्रस्तावित हैं।
युगलपीठ के प्रशासनिक न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायाधीश शैलेन्द्र शुक्ला ने यचिकर्ताओं को तीन माह में अन्यत्र जगह स्थांतरित होने के निर्देश देते हुये याचिका का निराकरण कर दिया हैं। अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि बीती 29 सितंबर 2020 को याचिका दाखिल की गई थी। याची की ओर से कहा गया था कि एक ओर महामारी काल में इन साढ़े तीन सौ परिवारों के मुखिया 'फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स' होकर विभिन्न मोर्चों पर शासकीय सेवाएं दे रहे है। दूसरी ओर 'स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट' के तहत इनके एमओजी लाइन स्थित शासकीय आवासों को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में परिवार सहित उनका अन्यत्र जगह स्थांतरित होना संभव नहीं है। लिहाजा इन्हें मोहलत दिए जाने की प्रार्थना अदालत से की गई थी।
अदालत ने आज इन विधिक सेवा, स्वास्थ्य सेवा में तैनात शासकीय कर्मियों को तीन माह की समय अवधि देते हुए याचिका को निराकृत कर दिया हैं।
जितेंद्र नाग
वार्ता
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