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छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबंधन राष्ट्रीय स्तर की तुलना में बेहतर-भूपेश

रायपुर 03 मार्च(वार्ता)छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बावजूद छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबंधन राष्ट्रीय स्तर की तुलना में बेहतर स्थिति में है।
श्री बघेल ने आज विधानसभा में अगले वित्त वर्ष के बजट पर हुई सामान्य चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जीडीपी में 7.7 प्रतिशत की कमी अनुमानित है, जबकि छत्तीसगढ़ में 1.7 प्रतिशत कमी का अनुमान है।इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में 5.41 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है,जबकि छत्तीसगढ़ में मात्र 0.14 प्रतिशत की कमी अनुमानित है।राजस्व प्राप्ति के ब्याज भुगतान के प्रतिशत में भी छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है। जहां केंद्र के स्तर पर ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 35 प्रतिशत है, वहीं छत्तीसगढ़ में यह अनुपात मात्र 8 प्रतिशत है।
उन्होने कहा कि केंद्रीय बजट में अगले वर्ष लिया जाने वाला शुद्ध ऋण कुल बजट का 26 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह 14 प्रतिशत है। केंद्रीय बजट 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों में 11.5 प्रतिशत की कमी अनुमानित है, जबकि छत्तीसगढ़ की राजस्व प्राप्तियां गत वर्ष के बराबर ही अनुमानित हैं।उन्होने कहा कि कोरोना आपदा के समय जब देश और दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आई है, छत्तीसगढ़ में हमारे प्रयासों से इस वर्ष तुलनात्मक रूप से हम कम प्रभावित हुए हैं।
श्री बघेल ने कहा कि केंद्रीय बजट में वित्तीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.4 प्रतिशत अनुमानित है। छत्तीसगढ़ के बजट के पुनरीक्षित अनुमानों में यह इस वर्ष 6.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.5 प्रतिशत अनुमानित है, जो केंद्र से इस वर्ष 03 और अगले वर्ष 02 प्रतिशत कम है। केंद्र का राजस्व घाटा इस वर्ष जीडीपी का 7.5 प्रतिशत और अगले वर्ष 5.1 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि हमारा राजस्व घाटा इस वर्ष 3.5 प्रतिशत और अगले वर्ष मात्र 01 प्रतिशत अनुमानित है। इस प्रकार राज्य का राजस्व घाटा भी केंद्र से इस वर्ष और अगले वर्ष 04 प्रतिशत कम है।
उन्होने कहा कि यदि जीएसटी नहीं लगता तो हम वैट में राशि वसूल कर सकते थे। जीएसटी में वसूल किए गए करों का 50 प्रतिशत हिस्सा केंद्र को जाता है और 43 प्रतिशत राज्यों को देने का प्रावधान है। उत्पादक राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को इसमें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।उन्होने कहा कि हमने गरीब आदमी को अपने बजट के केंद्र में रखा है। हमने पिछली सरकार के सिस्टम को..एलीट ओरिएंटेड से कॉमन मैन ओरिएंटेड..कर दिया है। हम लोग तो डाउन टू अर्थ हैं। हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ के 17 लाख 96 हजार किसानों का 8734 करोड़ 50 लाख रुपए का कर्ज माफ किया।
उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की सरकार है, हम किसानों के हित में काम करते रहेंगे। केंद्र सरकार के लगातार अड़ंगे के बावजूद राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 5703 करोड़ रुपए का प्रावधान इस बार के बजट में किया गया है। श्री बघेल ने कहा कि पिछली सरकार में 60 से 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी, और वे 24 लाख मीट्रिक टन चावल एफसीआई को देते थे। हमने 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है, हमें एफसीआई को 60 लाख मीट्रिक टन चावल देने की अनुमति केंद्र द्वारा मिलनी चाहिए।
साहू
वार्ता
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