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पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत के प्रकरण में तीन लाख रूपये की क्षतिपूर्ति की अनुशंसा

रायपुर 05 मार्च(वार्ता)छत्तीसगढ़ राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुलिस अभिरक्षा में कोरबा जिले में पुलिस प्रताडना के कारण हुई मृत्यु के प्रकरण में मृतक शब्बीर जोगी के परिजनों को तीन लाख रूपये मुआवजा दिये जाने की अनुशंसा की है।
आयोग में रायपुर के बंजारी चौक निवासी सनीबाई इस आशय की शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनका पुत्र शब्बीर जोगी कोरबा में कबाड़ी का काम करते हुएए अपने परिवार का गुजर बसर करता था।उसे क्राईम ब्रांच कोरबा के पुलिस कर्मी पूछताछ के लिये अभिरक्षा में थाना लेकर गये थे और पुलिस प्रताडना के कारण आवेदिका के पुत्र शब्बीर जोगी की मृत्यु हो गई।
शिकायतकर्ता के प्रस्तुत आवेदन पर आयोग ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कोरबा से प्रतिवेदन आहूत किया गया था।इसके बाद पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ शासन से भी प्रकरण के संबंध में पत्र व्यवहार कर जानकारी आहूत की गई थी।पुलिस उप महानिरीक्षक सतर्कता.पुलिस मुख्यालय नवा.रायपुर द्वारा आयोग को इस आशय के पत्र के माध्यम अवगत कराया गया कि न्यायिक जांच रिपोर्ट उपरान्त संबंधित प्रकरण में दोषी कर्मियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
सम्पूर्ण प्रकरण में जांच उपरांत आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता के पुत्र शब्बीर जोगी की मृत्यु पुलिस अभिरक्षा में पुलिस प्रताडना के कारण होना प्रतीत होता है। प्रकरण में विचारोपरांत आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरधारी नायक और सदस्य नीलम चंद सांखला ने आयोग के प्रतिवेदन में मृतक के वैध वारिसान को तीन लाख रूपये क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अनुशंसा की है। सचिव गृह विभाग छत्तीसगढ़ शासन को इस आशय का अनुशंसा पत्र जारी किया है कि मृतक शब्बीर जोगी के वैध वारिसानों को तीन लाख रूपये क्षतिपूर्ति प्रदान की जाय।
साहू
वार्ता
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