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निर्माताओं को रेमडेसिविर की सप्लाई बढ़ाने के निर्देश

भोपाल, 16 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिये यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर निर्माताओं को मध्यप्रदेश में इसकी सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी को जरूरत अनुसार उचित दाम पर रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता के साथ ही इसकी काला बाजारी एवं अवैध विक्रय की रोकथाम के निर्देश प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को जारी किए गए हैं।
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन पी. नरहरि ने बताया है कि औषधि निरीक्षकों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल 2021 को क्राइम ब्राँच इन्दौर के साथ औषधि निरीक्षक जिला इन्दौर की संयुक्त कार्यवाही में दवा कारखाना संचालक डॉ. विनय शंकर त्रिपाठी के आधिपत्य से रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए गए हैं। जब्त औषधि के लेबल अनुसार औषधि मेसर्स ट्यूलिप फार्मूलेशन कांगडा (हिमाचल प्रदेश) द्वारा मार्च 2021 में निर्मित की गई है। संदेही के पास मेसर्स ट्यूलिप फार्मूलेशन के रेमडेसिविर इंजेक्शन औषधि के निर्माण लायसेंस/उत्पाद अनुमति के दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे। लेबल पर 5100 रूपये की कीमत अंकित थी, जिससे यह प्रतीत होता है कि इस बैच का निर्माण संदेही द्वारा व्यवसायिक उपयोग के लिए किया गया है। प्रकरण में जाँच प्रचलित है।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुलभ उपलब्धता के उद्देश्य से इसका वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थानों में हो, ऐसी व्यवस्था भी की गई है। कुल 7 कंपनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई प्रदेश में हो रही है। आज दिनांक तक कुल 97 हजार 716 इंजेक्शन की उपलब्धता प्रदेश में सुनिश्चित की गई है। शुक्रवार को 9768 रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की गई है। इसमें से 480 यूनिट शासकीय अस्पताल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला जबलपुर को, 500 यूनिट एम.जी. एम. मेडिकल कॉलेज इन्दौर, 500 यूनिट रेडक्रॉस अस्पतालों एवं 8288 यूनिट प्रायवेट अस्पतालों के लिए प्रदेश भर में उपलब्ध कराई गई है।
अब स्टॉकिस्ट के माध्यम से रेमडेसिविर का वितरण सीधे प्रायवेट सेक्टर में अस्पतालों और नर्सिंग होम को
अब रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण स्टॉकिस्ट के माध्यम से प्रायवेट सेक्टर में अस्पतालों एवं नर्सिंग होम को सीधा रहेगा। स्टॉकिस्ट या अस्पतालों के लिए जिला प्रशासन आवंटन में अब नहीं लगेगा। जिला प्रशासन एवं संबंधित जिले का औषधि निरीक्षक यह अवश्य सुनिश्चित करेगा कि इस इंजेक्शन का जिले स्थित समस्त प्रायवेट सेक्टर में अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में आवंटन समानुपातिक रूप से हो रहा है अथवा नहीं। अस्पताल, नर्सिंग होम तथा स्टॉकिस्ट इस इंजेक्शन के वितरण का लेखा-जोखा जिला प्रशासन एवं औषधि निरीक्षक को प्रस्तुत करेंगे।
ऑक्सीजन के परिवहन को त्वरित एवं प्रभावी बनाने के लिये राज्य शासन द्वारा अनुमति प्राप्त ऑक्सीजन वाहन को एम्बूलेंस के समक्ष माना गया है। ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्माताओं और डिस्ट्रीब्यूटर्स से सतत संपर्क किया जा रहा है। प्रदेश में विगत दिवस में लगभग 298 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता रही है। पूर्व से स्वीकृत टैंकरों सहित 11 अतिरिक्त टैंकरों से प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। ऑक्सीजन के इण्डस्ट्रियल उपयोग को भी सीमित कर सबसे पहले मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।
नाग
वार्ता
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