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बड़वानी व खरगोन के ग्रामीण अंचलों में वैक्सीनेशन अभियान

बड़वानी, खरगोन 19 अप्रैल(वार्ता) मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बड़वानी तथा खरगोन जिले के ग्रामीण अंचलों में कोरोना रोधी वैक्सीन के प्रति उदासीनता के चलते अब नये सिरे से जागरूकता के प्रयास आरंभ कर दिए गए हैं।
पश्चिम मध्य प्रदेश के बड़वानी तथा खरगोन जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच प्रशासन के लिए ग्रामीण अंचल में वैक्सीनेशन के प्रति विभिन्न वजहों से उदासीनता चिंता का सबब बन गई है। अब इसके लिए वृहद स्तर पर कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं।
बड़वानी के जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने कहा कि जिले में वैक्सीनेशन का कार्य आशानुरूप नहीं संपादित हो पाया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव है और वह वैक्सीन लगवाने में अभी भी झिझक रहे हैं। उन्होंने कहा कि कतिपय संगठन भी उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए हतोत्साहित कर रहे हैं। यह भी अफवाह फैलाई जा रही है की वैक्सीन लगाने से कोरोना होने की संभावना है और टीका अनुपयोगी है।
श्री वर्मा ने कहा कि वैक्सीनेशन के प्रथम दो सेशन उत्साहवर्धक रहे किंतु इस तरह की अफवाह फैला दिए जाने से नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य ,राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह पटेल ,लोकसभा सांसद गजेंद्र पटेल आदि के वैक्सीनेशन को लेकर आदिवासी बोली में वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय बोली में जनप्रतिनिधियों वीडियो असरकारक सिद्ध होंगे। इसके अलावा कंट्रोल कमांड सेंटर और किल-कोरोना टीम के माध्यम से आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित लोगों से बातचीत के दौरान वैक्सीनेशन को लेकर भी समझाइश दी जा रही है।
बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अनीता सिंगारे ने इस विषय में पूछे जाने पर बताया कि वह दोनों वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमित हुई और उन्होंने हाल ही में अपनी रिकवरी का वीडियो शेयर किया है। उन्होंने वीडियो में बताया है कि वैक्सीनेशन हो जाने के चलते उनमें कोरोना से लड़ने की क्षमता पैदा हो गई,और वह पुनः पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की ओर तेजी से अग्रसर हैं।
प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी तथा बड़वानी की जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेखा जमरे ने बताया कि अभी तक जिले में 35.83 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ है जो कि संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को नया टीका लगाने में डर लग रहा है। उन्होंने कहा कि संकट प्रबंधन समूह की बैठक में भी इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की गई है।
इसी तरह संलग्न खरगोन जिले में भी ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन कमजोर है। खरगोन की कलेक्टर अनुग्रह पी ने बताया कि पूर्व में शहरी क्षेत्रों में फोकस किया गया था, और परिणाम अच्छे रहे। लेकिन ग्रामीण इलाकों झिरनिया, भगवानपुरा आदि में फिलहाल यह अनुपात संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा जिले में फिलहाल करीब 30% वैक्सीनेशन हुआ है और अब 15000 स्वास्थ्य कर्मियों तथा वॉलिंटियर्स के सहायता से आगे के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
खरगोन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुदेश कुमार सरल ने बताया कि धार्मिक, पर्यटन और व्यवसायिक केंद्र होने के चलते महेश्वर ,कसरावद, बड़वाह तथा सनावद में कोरोना का संक्रमण ज्यादा है इसलिए फिलहाल अधिकांश अमला कोविड-19 सेंटरों पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते भी वैक्सीनेशन प्रभावित है, इसके बाद विभिन्न शासकीय अमलों की सहायता से प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम वर्ग वैक्सीनेशन के प्रति उदासीन है और इस तरह की तैयारी की जा रही है की मस्जिदों के आसपास कैंप लगाकर उन्हें टीके लगाए जाएं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न फसलों की बोवनी के लिए खेत तैयार किए जा रहे हैं इसलिए ग्रामीण यह सोच रहे हैं कि वैक्सीनेशन से उन्हें कोई शारीरिक दिक्कत ना हो जाए।
खरगोन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरव बैनल ने सभी एसडीएम व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र जारी कर महामारी की रोकथाम के लिए शासन स्तर से तय कार्यक्रम अनुसार टीकाकरण संबंधी सेशन में लक्ष्य के मुताबिक उपलब्धि नहीं हासिल होने पर ग्राम चौपाले आयोजित करने के लिए कहा है। चौपाल में ग्राम के प्रधान, प्रभावी व्यक्ति, वरिष्ठ व्यक्ति, धर्मगुरु, जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक और अन्य लोगों को उपस्थित रख टीकाकरण के बारे में समझाइश देने को कहा है। उन्होंने बताया कि भ्रामक जानकारियां और जागरूकता के अभाव के चलते जिले में टीकाकरण का प्रतिशत कम है।
राज्यसभा सांसद डॉ सुमेर सिंह सोलंकी द्वारा वैक्सीनेशन के समर्थन में सोशल मीडिया पर अपील कर किए जाने पर भ्रामक टिप्पणी को लेकर कल दो व्यक्तियों के खिलाफ बड़वानी कोतवाली पुलिस ने प्रकरण भी दर्ज किए हैं।
सं नाग
वार्ता
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