राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Sep 23 2021 9:24PM हमारा काम जंगल बचाना है लेकिन जंगल के मामलों में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार का होता है: शाहइंदौर, 23 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने बुंदेलखंड के बकस्वाहा जंगल को हीरा खनन के लिए दिए जाने पर उठ रहे सवालों पर आज कहा हमारा काम जंगल बचाना है, लेकिन जंगल के मामलों में अंतिम निर्णय केन्द्र सरकार का ही होता है।श्री शाह यहां इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में अपनी चिकित्सकीय जांच (एमआरआई) कराने के लिये पहुंचे थे। उन्होंने यहां संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि बकस्वाहा के जंगल का मालिकाना हक भारत सरकार का है। भारत सरकार जब भी इस तरह विकास के लिये अनुमति देती है, तब उनकी शर्त होती है कि जितने जंगल कटते हैं तो उससे दोगुने लगाने होते है। इस पूरी प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन भारत सरकार के द्वारा अनुमति जारी करने के पहले किया जाता है।उन्होंने कहा हमारा (वन मंत्रालय) का काम जंगल बचाना है, लेकिन अंतिम निर्णय भारत सरकार को ही लेना होता है। उन्होंने कहा भारत सरकार के अनुमति देने के बाद राज्य सरकार अनुमति देती है। राज्य सरकार ने बकस्वाहा जंगल को हीरा खनन के लिए एक माइनिंग कंपनी को 50 साल के पट्टे पर दे दिया है। मध्यप्रदेश सरकार को 2500 करोड़ राजस्व मिलने की बात कही जा रही है।वन मंत्री ने उनके स्वास्थ्य के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोरोना के चलते उनका दस किलो वजन अतिरिक्त बड़ गया है। जिसे कम करने के लिए वे प्रयासरत है। शासकीय महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय में उन्होंने सीधे पैर की एमआरआई कराने के बाद कहा कि उनके सीधे पैर में लम्बे समय से सुन्नता उन्हें महसूस हो रही है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें फ़िजयोथिरेपी करने की सलाह दी है। साथ ही कुछ दवाएं भी दी है। उन्होंने इस दौरान यहां के शासकीय अस्पताल की व्यवस्थाओं की भी प्रशंसा की है।जितेंद्र बघेल वार्ता