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फर्जीवाड़े के मामले में दो को सजा

बड़वानी, 25 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा की एक अदालत ने फर्जी तरीके से ऋण दिलाने के मामले में एक बैंक कर्मचारी समेत दो लोगों को 10-10 वर्ष की सजा सुनायी है। इसके अलावा न्यायालय ने बैंक के अभिभाषक तथा संबंधित बैंक के मैनेजर के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
सेंधवा के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विजय सिंह कावछा ने गुरुवार को दिए अपने निर्णय में एक निजी बैंक के लोन डेवलपमेंट ऑफिसर आशुतोष वास्कले तथा धावड़ी के एक युवक सुनील को सरकारी योजना कपिल धारा कुएं के लिए मृतक डेबा के नाम पर फर्जी तरीके से लोन निकलवाने के मामले में 10 -10 वर्ष की सजा तथा अर्थदंड सुनाया है।
न्यायालय ने संबंधित बैंक शाखा सेंधवा के मैनेजर कीर्ति राज सिंह तथा फर्जी सर्च रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले बैंक के वकील निशांत त्रिवेदी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया है।
अभियोजन के अनुसार जनवरी 2017 में मृतक डेबा के पुत्र पठान ने पुलिस को शिकायत की थी कि उसके पिता के नाम पर कपिल धारा कुआ बनाने के लिए धोखे से पावती प्राप्त कर 7,98,000 रुपए का लोन स्वीकृत कर निकाल लिया गया है।
पुलिस की विवेचना में पाया गया कि सुनील ने लोन डेवलपमेंट ऑफिसर आशुतोष वास्कले के साथ मिलकर डेबा की पावती धोखे से प्राप्त कर विभिन्न स्तरों पर नकली दस्तावेज बनवाए। सुनील को डेबा का पुत्र बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और उसके आधार पर ऋण प्राप्त कर लिया गया।
बैंक के वकील ने फर्जी सर्च रिपोर्ट तैयार करके दी, जिसके आधार पर ऋण स्वीकृत हुआ। इस मामले में बैंक मैनेजर कीर्ति राज सिंह की भी संलिप्तता पाई गई है।
सं प्रशांत
वार्ता
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