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पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश सुरक्षित-ठाकुर

भोपाल, 27 सितम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने विश्व पर्यटन दिवस पर सभी को शुभकामनाएँ देते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में देश-विदेश के पर्यटक निर्भीक होकर आएँ। प्रदेश में सुरक्षित एवं स्वच्छ वातावरण निर्मित है। मध्यप्रदेश का शांतिपूर्ण वातावरण सभी को आकर्षित करेगा। श्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में निवाड़ी के लाटपुरा-खास ने मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है।
सुश्री ठाकुर ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। नवाचारों के माध्यम से पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश ने अपना श्रेष्ठतम स्थान बनाया है। ग्रामीण और होम-स्टे जैसे नवाचार से पर्यटन को निरंतर बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है और स्वच्छता के लिये अपशिष्टों को नष्ट करने की निरंतर व्यवस्था की गई है।
यूनेस्को की संस्कृति प्रमुख सुश्री जुन्ही हॉन ने कहा कि पर्यटन को नई ऊँचाईयों तक कैसे ले जाया जा सकता है, इसके लिये सभी को मिलकर कार्य करना होगा। कुछ दशकों में टूरिज्म के क्षेत्र में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल जीडीपी में 10.4 प्रतिशत योगदान केवल पर्यटन क्षेत्र का है। यूनेस्को द्वारा प्राकृतिक स्थानों को सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से अग्रणी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानों की विशेषता पहचान कर उसे बढ़ाया जाना चाहिए। क्षेत्र की सांस्कृतिक विशेषता एवं ऐतिहासिक धरोहर को बरकरार रखने में और पर्यटन को बढ़ाने में सभी का सहयोग जरूरी है।
प्रमुख सचिव पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि यूएनडब्ल्यूटीओ ने ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में निवाड़ी के ग्राम लाटपुरा-खास को चयनित किया है। देश के केवल तीन ग्रामों में लाटपुरा-खास शामिल है। अगले पाँच साल में ऐसे 100 ग्राम बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिये सुरक्षित पर्यटन की दृष्टि से 50 से अधिक स्थल को विभिन्न आयामों से जोड़ा जा रहा है। सर्विस प्रोवाइडर और हॉस्पिटेलिटि में महिलाओं की सहभागिता से लोगों का विश्वास बढ़ेगा और रोज़गार सहित आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होगा।
श्री शुक्ला ने बताया कि महिलाओं का आत्मबल बढ़ाने वाला पहला राज्य भी मध्यप्रदेश होगा। प्रदेश में 20 हजार महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कृषि एवं उद्यानिकी पर्यटन सहित जनजातीय समुदाय की संस्कृति को प्रमोट कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यूएन ने "समावेशी विकास के लिये पर्यटन'' थीम का चयन किया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विस्तार की योजना को बढ़ावा दिया जाना जरूरी है। आज के समय में व्यक्ति ऐसे स्थानों पर भ्रमण करना चाहता है, जहाँ प्रकृति की गोद में बैठकर वह सुकून से आत्मावलोकन कर सके। श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में 11 राष्ट्रीय पार्क, 25 सेंचुरी हैं। साथ ही ऐतिहासिक और हैरिटेज सहित धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी प्रदेश जाना जाता है।
श्री शुक्ला ने बताया कि यूनेस्को की साइट पर साँची, भीमबेठिका और खजुराहो वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हैं। भेड़ाघाट, सतपुड़ा नेशनल पार्क (पचमढ़ी), ओरछा और मांडू को भी इसमें शामिल करने के प्रयास जारी हैं। अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर ग्वालियर और ओरछा शहर की ऐतिहासिक विरासत प्रदर्शित हो, इसके लिये भी प्रयास किये जा रहे हैं। पूरे देश में मध्यप्रदेश पर्यटन की दृष्टि से प्रथम तीन राज्यों में अपना स्थान बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन की योजना संचालित की जायेगी, जिससे सीधे पर्यटक को गाँव-गाँव ले जाया जाएगा। इसके लिये युवाओं की सहभागिता जरूरी है।
पर्यटन निगम के प्रबंध संचालक श्री एस. विश्वनाथन ने कहा कि 2500 कर्मचारी टूरिज्म को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। टूरिज्म बढ़ाने के लिये गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही पर्यटन की अलग-अलग विधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्राइव इन सिनेमा में ड्राइव इन वैक्सीनेशन जैसी पहल कर देश में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया गया है। वेलनेस टूरिज्म की भी पॉलिसी तैयार की गई है।
नाग
वार्ता
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