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सहकारी बैंक में गड़बड़ी करने पर बैंक के चार सीईओ निलम्बित

भोपाल, 28 सितम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश के शिवपुरी सहकारी बैंक में गड़बड़ी करने के मामले में बैंक के चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) को आज निलंबित कर दिया गया है।
सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में गबन और घोटाला करने की गड़बड़ी का मामला सामने आने पर 13 सदस्यीय जाँच कमेटी गठित कर गड़बड़ी के हर पहलू और उससे जुड़े प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी की भूमिका की जाँच के आदेश दिये थे। बैंक में गबन और गड़बड़ी के मामले में शिवपुरी के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में समय-समय पर पदस्थ रहे 4 मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के कुल 10 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
इस घोटाले के मामले में जाँच समिति के प्रतिवेदन पर आरोपी अधिकारियों-कर्मचारियों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए बैंक केडर के प्रथम श्रेणी के 3 अधिकारी, द्वितीय श्रेणी की एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और बैंक के 10 को कर्मचारियों को पहले ही निलम्बित जा चुका है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में हुए गबन और धोखाधड़ी के प्रकरण में समय-समय पर शिवपुरी में सीईओ के पद पर पदस्थ रहे जिन 4 बैंक अधिकारियों को निलम्बित किया गया है, उनमें वर्तमान में टीकमगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ ए.एस. कुशवाह, वर्तमान में मुरैना में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ डी.के. सागर, वर्तमान में रीवा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ वाय.के. सिंह और वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवपुरी में पदस्थ श्रीमती लता कृष्णन शामिल हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में ए.एस. कुशवाह एक जनवरी, 2006 से 22 जून, 2012 और 21 अगस्त, 2015 से 8 मार्च, 2019 तक पदस्थ रहे। इस दौरान श्री कुशवाह ने अपने कर्त्तव्यों का ठीक ढ़ंग से निर्वाह नहीं किया। कर्त्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती। इसके परिणाम स्वरूप बैंक की शाखा कोलारस में गबन का घोटाला हुआ।
समिति की जाँच रिपोर्ट में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक शिवपुरी में 6 मार्च, 2014 से 21 मार्च, 2015 तक पदस्थ रहे डी.के. सागर, 11 मार्च, 2019 से 8 जुलाई, 2020 तक पदस्थ रहे वाय.के. सिंह और 6 जुलाई, 2020 से अब तक पदस्थ श्रीमती लता कृष्णन को भी जाँच दल ने कर्त्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही और उपेक्षापूर्ण कार्य-प्रणाली से बैंक में गबन और घोटाला होने के लिये जिम्मेदार माना है।
प्रशासक अपेक्स बैंक नरेश पाल कुमार द्वारा निलम्बित चारों अधिकारियों में श्री कुशवाह, श्री सागर, श्री सिंह प्रथम श्रेणी केडर के अधिकारी हैं, जबकि श्रीमती लता कृष्णन द्वितीय श्रेणी केडर की अधिकारी हैं। चारों निलम्बित अधिकारियों को निलम्बन अवधि में अलग-अलग मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। श्री कुशवाह को सहकारी बैंक शाखा सागर, सीईओ श्री सागर को राज्य सहकारी बैंक शाखा ग्वालियर, श्री सिंह को राज्य सहकारी बैंक शाखा रीवा और श्रीमती कृष्णन को राज्य सहकारी बैंक मुख्य शाखा टी.टी. नगर भोपाल से संबद्ध किया गया है।
नाग
वार्ता
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