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नकली शराब बनाने के रैकेट का पर्दाफास, चार गिरफ्तार

रतलाम, 08 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में ब्रान्डेड कंपनियों की नकली शराब बनाने वाले एक अन्तर्राज्यीय रैकेट का पर्दाफास करते हुए इस गिरोह जुड़े चार सदस्यों को दिल्ली और गुजरात से गिरफ्तार कर लिया, जबकि चार अन्य फरार हैं, जिनकी पुलिस को तलाश है।
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि पिछले कुछ महीनों में जिले के बिलपांक, रिंगनोद और औद्योगिक क्षेत्र रतलाम के पुलिस थानों पर अवैध शराब के तीन प्रकरण दर्ज किए गए थे। इन प्रकरणों की पुलिस ने विस्तार से विवेचना की और गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ की गई तो पुलिस को सनसनीखेज जानकारियां मिली। आमतौर पर पुलिस अवैध शराब के मामलों में शराब जब्त करने और आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद मामले का पटाक्षेप कर देती है। लेकिन इस मामलों में पुलिस ने हर पहलू की गहराई से जांच की।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों द्वारा ब्रान्डेड कंपनियों की पूरी तरह से नकली शराब बनाई जा रही थी। इस नकली शराब के लिए विशेष प्रकार के ढक्कन, लेबल और होलोग्राम की आवïश्यकता होती है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि इस पूरे अवैध व्यवसाय के तार दूर दूर तक फैले हुए है। दिल्ली, गुजरात और अन्य राज्यों तक फैले इस नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए दो टीमे गठित की गयी।
थाना प्रभारी शिवमंगल सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहने वाले सुमित माखरिया को गिरफ्तार किया। आरोपी सुमित दिल्ली के नांगलोई इलाके में वर्ष 2008 से एक एल्यूमिनीयम की फैक्ट्री चलाता है। वह शराब डिस्टलरियों के आर्डर पर शराब की बोटलों के ढक्कन बनाने का काम करता था। लेकिन बाद में अधिक धन कमाने के चक्कर में उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म इण्डिया पार्टनर पर अपनी फैक्ट्री और अपने साथी की फैक्ट्री का प्रचार किया।
इस प्रचार के फलस्वरुप मध्यप्रदेश के एक व्यक्ति ने इनसे सम्पर्क किया। उक्त व्यक्ति को सुमित और उसके साथी ने शराब की विभिन्न ब्रान्ड की बाटलों के 18-20 लाख ढक्कन बनाकर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से मध्यप्रदेश भेजे थे। सुमित ने पुलिस को यह भी बताया कि इसी तरह उसने उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा इत्यादि प्रदेशों में नकली शराब का कारोबार करने वालों को भारी तादाद में ढक्कन बनाकर भेजे थे।
इसके साथ ही उसने शराब बाटलों के लेबल और उन पर लगने वाले उस राज्य के नकली होलोग्राम भी भेजे थे। पुलिस की टीम ने इन दोनो फैक्ट्रियों को सील कर दिया। आरोपी पवन की दूसरा साथी फिलहाल फरार है। इनसे की गई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने दिल्ली की मुडका इलाके में एक फैक्ट्री चलाने वाले पवन पांडेय दिल्ली को भी धर दबोचा। इसकी फैक्ट्री भी सील कर दी गयी।
पवन डाई के आधार पर एल्यूमिनीयम शीट को प्रिन्ट करके उपलब्ध करवाता था, जिससे आगे पवन ढक्कन बनाता था। पुलिस की दूसरी टींम टीआई जनक सिंह रावत के नेतृत्व में गुजरात के मैसाना भेजी गई। पुलिस ने मैसाना निवासी पंकज बाबरिया को गिरफ्तार किया। पंकज ने मैसाना में नकली ढक्कन और होलोग्र्राम आदि बनाने की फैक्ट्री चालू की थी। पंकज ने उसे बताया कि मध्यप्रदेश के व्यक्ति ने इसके लिए उससे सम्पर्क किया था और दोनो आरोपियों सुमित और पवन द्वारा कच्चा माल सप्लायी करवाया था। पुलिस ने पंकज को गिरफ्तार कर इस फैक्ट्री को भी सील किया है।
एसपी श्री तिवारी ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल तीन आरोपी दिल्ली से और मैसाना गुजरात से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। जबकि आरोपी सुमित का एक साथी और मध्यप्रदेश वाला व्यक्ति जिसने इन आरोपियों से सम्पर्क कर नकली माल खरीदा था, फिलहाल फरार है। दो अन्य आरोपी भी फरार है। पुलिस ने इन आरोपियों से बडी संख्या में शराब बोटलों के नकली ढक्कन, एल्यूमिनीयम की शीटें, ढक्कन बनाने की मशीने इत्यादि जब्त की है।
इस सुसंगठित गिरोह के तार देश के अलग अलग राज्यों से जुडे हैं। साथ ही मध्यप्रदेश के भी कई शहर इस नेटवर्क से जुडे हैं। रतलाम पुलिस ने मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों की पुलिस को इस मामले की सूचना भेजी है, जिससे कि वहां चल रहे नेटवर्क को उजागर किया जा सके। इसी तरह विभिन्न राज्यों में फैले इस नेटवर्क का पर्दाफाश करने के प्रयास भी जारी है। पुलिस के अनुसार नकली शराब का यह कारोबार तीन चरणों में चलता है।
सं बघेल
वार्ता
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