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ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के राजमार्ग के शिल्पकार, युगदृष्टा, प्रबुद्ध राष्ट्र सेवक नानाजी को नमन: शिवराज

भोपाल, 11 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नानाजी देशमुख की जयंती पर उन्हें नमन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।
स्व. नानाजी देशमुख समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की संकल्पना एकात्म मानववाद को मूर्त रूप देने के लिये नानाजी ने 1972 में दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की। वे जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे। अटलजी के कार्यकाल में भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया। वर्ष 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
नानाजी का जन्म महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के कडोली नामक कस्बे में 11 अक्टूबर 1916 में हुआ था। नानाजी ने राष्ट्र की सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। नानाजी देशमुख ने 95 साल की उम्र में चित्रकूट स्थित भारत के पहले ग्रामीण विश्वविद्यालय में रहते हुए 27 फ़रवरी 2010 को अन्तिम साँस ली। चित्रकूट ग्रामीण विश्वविद्यालय की स्थापना नानाजी देशमुख द्वारा ही की गई थी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है कि ‘नाना जी देशमुख द्वारा ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण के लिए गतिमान अनेक योजनाएं उनकी राष्ट्र सेवा की जीवंत साक्षी हैं। राष्ट्र की सेवा एवं ग्रामीण भारत का उत्थान ही नानाजी देशमुख के चरणों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आइये, उनकी दिखाई राह पर चलकर भारत के नवनिर्माण में हम सब अपना योगदान दें। हम अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हैं, अपने वे हैं जो सदियों से पीड़ित एवं उपेक्षित हैं।' - नानाजी ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के राजमार्ग के शिल्पकार, युगदृष्टा, प्रबुद्ध राष्ट्र सेवक रहे। ‘भारत रत्न’ नानाजी देशमुख की जयंती पर कोटिश: नमन।’
बघेल
वार्ता
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