राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 17 2021 8:05PM घुमन्तू समुदाय वाचिक परम्पराएँ विषय पर तीन दिवसीय संगोष्ठी 19 अक्टूबर सेभोपाल,17 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी ने तीन दिवसीय शोध संगोष्ठी ‘घुमन्तू समुदाय वाचिक परम्पराएँ’ विषय पर आयोजित की है। अकादमी निदेशक डॉ. धर्मेंद्र पारे ने बताया कि यह संगोष्ठी 19 से 21 अक्टूबर तक जनजातीय संग्रहालय के सभागार में आयोजित होगी। उन्होंने बताया कि नागर, लोक और आरण्यक समुदायों की संस्कृति, ज्ञान, परम्परा, कला बोध पर विमर्श होते आ रहे हैं, किन्तु घुमन्तू समुदायों और उनकी संस्कृति पर नहीं के बराबर अध्ययन उपलब्ध है। घुमन्तू समुदायों पर अध्ययन सरल नहीं है। इसका अध्ययन एक चुनौती की तरह है। घुमन्तू समुदायों की उपस्थिति विश्व भर में है। भारत के पहाड़ों और चारागाहों से लेकर ग्राम्य जीवन तक इनका लोकवृत्त मिलता है। आधुनिकता और भौतिक विकास से लगभग असंपृक्त रहे इन समुदायों की परम्पराएँ आज भी जीवंत है। इसी को ध्यान में रखते हुए अकादमी द्वारा यह संगोष्ठी आयोजित की जा रही है।उन्होंने बताया कि संगोष्ठी के पहले दिन 19 अक्टूबर को उद्भव और स्थिति, रीति-रिवाज और संस्कृति विषय पर शोधार्थियों एवं अध्येताओं द्वारा शोध-पत्रों का वाचन एवं पत्रों का प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। दूसरे दिन 20 अक्टूबर को देवी-देवता, पर्व-त्यौहार और आस्थाएँ तथा समाजिक संगठन विषय एवं 21 अक्टूबर को मौखिक साहित्य, प्रदर्शनकारी एवं रूपंकर कलाएँ विषयों पर अध्येता, शोधार्थियों द्वारा शोध-पत्र प्रस्तुत किए जायेंगे।