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जिलों में हुए सफल नवाचार अन्य जिले अपनाएं: शिवराज

भोपाल, 29 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम जनता को बुनियादी सुविधाओं के साथ विभिन्न वर्गों के आर्थिक उन्नयन के लिए कलेक्टर्स नवाचार अपनाएं। सफल नवाचारों से प्रेरणा लेकर अन्य जिले इसका अनुपालन करें।
श्री चौहान आज यहां एक दिवसीय कलेक्टर्स-कमिश्नर कांफ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। वीडियाे कांफ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री ने एक जिला- एक उत्पाद योजना के तहत सीहोर, श्योपुर और हरदा जिलों के प्रजेंटेशन भी देखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लीक से हटकर अपने जिले के अनुरूप कोई बेहतर कार्य कर आप उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। जिस तरह देश में प्रथम रहे प्रदेश के हरदा जिले ने स्वामित्व योजना में हुए कार्य से मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य प्रांतों के जिलों में भी स्थानीय निवासियों को योजना में भूखण्ड के अधिकार अभिलेख दिलवाने की प्रेरणा दी है। यह उदाहरण कि एक स्थान से हुई छोटी सी पहल राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की वजह बनती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर्स मुख्यमंत्री भू आवासीय अधिकार योजना, फसलों के विवधीकरण, पारम्परिक फसलों के साथ मोटे अनाज के उत्पादन, जैविक खेती के विकास के लिए प्रयास करें। पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, बेटियों की शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ाई जायें। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर समारोहों को व्यवस्थित रूप से आयोजित किया जाए।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वर्ष राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 प्रदान करने के अवसर पर स्वामित्व योजना में ई-संपत्ति कार्डों के वितरण में वर्चुअली हिस्सेदारी की थी। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के हरदा जिले की इस उपलब्धि को प्रेरक और महत्वपूर्ण बताते हुए बधाई दी थी। भारत सरकार के सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से बसाहट क्षेत्र पर ड्रोन से नक्शों का निर्माण कर डोर-टू-डोर सर्वे द्वारा अधिकार अभिलेख निर्मित किए गए।
उन्होंने कहा कि इससे सम्पत्ति धारक सम्पत्ति के प्रमाण पत्र और भू –स्वामित्व प्राप्त होने के हकदार बने जिससे उन्हें मकान पर बैंक से ऋण लेना भी आसान हो गया। इसके साथ ही सार्वजनिक उपयोग की सम्पत्तियों जैसे विद्यालय, रास्ते, खेल मैदान, पंचायत भूमि, निस्तार भूमि के संरक्षण की सीमाएं निश्चित हो सकीं। जिले के सभी 402 ग्रामों के ग्रामीण आबादी के मालिकाना दस्तावेज तैयार हो सके। गत वर्ष 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्रामीण आबादी को मालिकाना हक देने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का शुभारंभ किया था। इसके पहले 2 अक्टूबर 2008 को हरदा जिले से मुख्यमंत्री आवास योजना में अधिकार पुस्तिका का वितरण कर इसकी शुरूआत की गई थी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि साइबर तहसील की अवधारणा लागू करें। भू अभिलेखों में रिकार्ड किए जाने वाले ट्रांजेक्शंस में ब्लॉकचैन तकनीक का उपयोग हो। भूमि के रिकार्ड से जुड़ी सभी सेवाएं महत्वपूर्ण हैं, इन सेवाओं की डिलीवरी में कुछ काम हुआ है, पर मैं संतुष्ट नहीं हूँ। अविवादि नामांतरण, बटवारा प्रकरणों का तेजी से हल हो। अभिलेख शुद्धिकरण की जानकारी जनप्रतिनिधियों को मिले।किसानों के संगठनों को भी जानकारी दें।सरलीकरण का व्यापक प्रचार हो।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि धारणाधिकार योजना पर अधिक ध्यान दें।ऋण पुस्तिका ऑनलाइन निकालने की व्यवस्था होगी। लोकसेवा केंद्र, एमपी ऑन लाइन केंद्र पर मिल सकेगी। साथ ही जमानतआदि दर्ज भी ऑनलाइन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की 75 वर्षगांठ के अंतर्गत आयोजित अमृत महोत्सव के सभी कार्यक्रम सफल बनाएं। क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा में जन नायक टंट्या मामा भील के कलश पर पुष्प अर्पित करने और सभी गतिविधियों को सुचारु रूप से संचालित की जाएं। चार दिसंबर को इंदौर जिले में पातालपानी का कार्यक्रम गरिमामय हो,व्यवस्थित होना चाहिए। आवश्यक सुविधाएं यात्रियों को मिलें। स्थानीय नागरिक जननायक टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस पर हो रहे कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आएंगे। विभिन्न जिलों स्थानीय बलिदानियों की जयंतियां और विशेष रूप से बलिदान दिवस पर स्मरणीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इनमें स्थानीय जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। यह क्रम निरंतर चलना है।
श्री चौहान ने कहा कि कलेक्टर्स किसानों के लिए खाद का न्याय पूर्ण वितरण सुनिश्चित करें। श्री चौहान ने कहा कि कालाबाजारियों और मिलावटियों को कतई न छोड़ें। उन्होंने कहा जनवरी माह से स्वच्छता सर्वे होगा। इस बीच सभी जिलों में स्वच्छता अभियान संचालित हों। इंदौर तो स्वच्छता में देश में प्रथम है ही, मध्यप्रदेश के अन्य जिले भी पीछे न रहें। प्रत्येक जिले में पर्यावरण की रक्षा हो।ऊर्जा साक्षरता पर भी ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने पीएम स्वनिधि योजना में श्रेष्ठ परिणाम लाने के लिए पांच जिलों निवाड़ी, दमोह, डिंडोरी, नरसिंहपुर और गुना को बधाई दी । मध्यप्रदेश देश में प्रथम रहा है। मध्यप्रदेश के जिन जिलों ने योजना के क्रियान्वयन में अपेक्षित प्रगति प्राप्त नहीं की है, उन्हें योजना के क्रियान्वयन की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए गए। स्ट्रीट वेंडर्स को राशि दिलवाने में निवाड़ी जिला सबसे आगे है। निवाड़ी जिला शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में क्रमशः106 और 135 प्रतिशत योजना का क्रियान्वयन करके प्रदेश में प्रथम रहा है।
श्री चौहान ने इसके लिए कलेक्टर निवाड़ी को बधाई दी। इसी तरह इंदौर, टीकमगढ़, मुरैना, दतिया जिलों में भी ग्रामीण पथ विक्रेताओं को लाभान्वित करने में 120 से 130 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बैठक में लीड बैंक अधिकारी भी आयेंगे। संयुक्त प्रयासों से मध्यप्रदेश इस योजना में बेहतर परिणाम लाने पर जोर देगा। मुख्यमंत्री ने कहा सभी कलेक्टर्स बैंकों से संपर्क कर अधिक से अधिक हितग्रहियों को फायदा पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्वसहायता समूहों, मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और पथ विक्रेताओं की योजनाओं में स्व रोजगार ऋणों और निजी क्षेत्र में रोजगार के माध्यम से हर महीने दो लाख तक अवसर पैदा हो सकते हैं। सभी विभाग मिलकर जिलों में हर महीने रोजगार दिवस मनाएं। डिस्ट्रिक लेवल क्लीयरेंस कमेटी (डीएलसीसी) की बैठकें नियमित हों और इनमें सभी योजनाओं की प्रभावी समीक्षा हो।
उन्होंने कहा कि सीएम राइस स्कूल योजना राज्य शासन का सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है। उन्होंने कांफ्रेंस में प्रदेश में 9200 सर्व सुविधा स्कूल प्रारंभ करने की प्रगति की जानकारी ली। प्रमुख सचिव रश्मि शमी ने बताया कि इन स्कूलों में 52 जिला स्तर, 261 ब्लॉक स्तर , 3200 संकुल स्तर पर और शेष 5687 संकुल के नीचे खुलेंगे । दिसंबर माह में सीएम राइस स्कूल के प्राचार्यों का प्रशिक्षण होगा।
कलेक्टर्स कांफ्रेंस में सीएम राइस स्कूल शुरू करने संबंधी चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा ये महत्वाकांक्षी योजना है। अब गरीब बच्चे भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रक्रियाओं को समय पर पूरा किया जाए।अधिक से अधिक नवाचार हों। सहभागिता सुनिश्चि करें। जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा हो।
श्री चौहान ने कहा कि जिला सहकारी पर उर्वरकों की बकाया राशि बढ़ गई है। इस दिशा में ध्यान दिया जाए। सभी जिला कलेक्टर्स जिला सहकारी बैंकों को मजबूत करने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री कोविड अनुकंपा नियुक्ति योजना में लंबित प्रकरणों में निराकरण शीघ्र किया जाए। अब तक 1729 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 911 पात्र व्यक्तियों को नियुक्ति आदेश प्रदान किए जा चुके हैं। इसके अंतर्गत भोपाल, डिंडोरी, शाजापुर, खरगौन और बैतूल में की गई कार्यवाही की जानकारी कांफ्रेंस में प्रदान की गई।
कांफ्रेंस में प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि योजना में सेक्टर्स का निर्धारण कर लिया गया है। दिसंबर माह तक शेष 450 वाहनों द्वारा कार्य प्रारंभ करने की आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना में स्थानीय जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रत्येक माह की एक तारीख को वाहन चलेंगे। अगले दो माह में शत प्रतिशत वाहन चलने लगेंगे। श्री चौहान ने योजना को पूर्ण क्षमता से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।
बैठक में श्री चौहान ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना के जमीनी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें। इसमें एक भी शिकायत नहीं आना चाहिए। बायोमेट्रिक वितरण सुनिश्चित किया जाए। श्री चौहान ने जल जीवन मिशन की चर्चा में कलेक्टर्स को पूरी रुचि लेकर ग्राम ग्राम में घर घर पानी पहुंचाने के निर्देश दिए। कोई भी मोहल्ला न छूटे,सबको मिले पीने का पानी। वेबसाइट पर प्रगति का ब्यौरा दें। जनता की जिंदगी और स्वास्थ्य का प्रश्न है। उन्होंने कहा कि ग्राम में स्वच्छ पेयजल आना एक उत्सव होता है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग जिला स्तर पर की जाए। पानी के स्रोत से लेकर घर-घर पानी पहुंचाने के कार्य का भौतिक निरीक्षण हो। जन प्रतिनिधियों को योजना की प्रगति की जानकारी मासिक रूप से दें। जिला कलेक्टर एक माह में कम से कम पांच से दस कार्यों का भौतिक निरीक्षण करें। अंकुर कार्यक्रम को अब जिलों में अधिक प्रचारित किया जाए। जनसहभागिता का नया मॉडल सभी जिले प्रस्तुत करें। हर नागरिक इस अभियान से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने एक जिला- एक उत्पाद योजना(ओडीओपी) के अंतर्गत सीहोर जिले के बुधनी में काष्ठ के खिलौनों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्रस्तुतिकरण द्वारा प्राप्त की। कलेक्टर सीहोर ने बताया कि खिलौनाकारी के नाम से लकड़ी के खिलौनों की ब्रांडिंग का कार्य किया जा रहा है।सीहोर के काष्ठकारों द्वारा निर्मित बच्चों को चलना सिखाने वाली छोटी तिपहिया गाड़ी (वॉकर) सहित अन्य खिलौनों को जीआई टैग दिलवाने के प्रयास होंगे।
खिलौना निर्माताओं की आय बढ़ाने के बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर ,सीहोर ने बताया कि प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल से बच्चों को खेलने के समय रासायनिक रंगों से बचा सकते हैं। इन्हें लोकप्रिय बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग भी कर रहे हैं।मुख्य सचिव श्री बैंस ने कहा कि किसी एक प्रोडक्ट को फोकस नहीं कर सभी उत्पादों के विक्रय पर ध्यान दिया जाए। हाई वे पर मार्ट बनाकर मल्टी प्रोडक्ट सेल करने का अध्ययन हो।यहां और अन्य जिलों में भी मार्ट में एक से अधिक जिलों के भी प्रोडक्ट बिक जाएं, ऐसी व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा ये प्रयास सराहनीय हैं। हस्त शिल्प विकास निगम और अन्य एजेंसियां इस व्यवसाय को प्रोत्साहित करें। आंगनवाड़ियों में भी इन खिलौनों के उपयोग के प्रयास करें। श्री चौहान ने श्योपुर और हरदा स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन का प्रस्तुतिकरण भी देखा। कलेक्टर श्योपुर ने बताया कि स्वसहायता समूहों से साढ़े बारह हजार दीदियां जुड़ी हैं। अमरुद पल्प जूस और अन्य प्रसंस्करण का कार्य हो रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया की महिलाएं आंवला, हल्दी, सरसों तेल, फिश फिंगर उत्पादों के साथ ही गौ शाला का संचालन भी कर रही हैं। श्योपुर में प्रसादम रेस्टारेंट लोकप्रिय हो रहा है। अनेक प्रसंस्करण इकाइयां सक्रिय हैं और इनकी गतिविधियों से सकारात्मक रूप से ग्रामीण अर्थ व्यवस्था बदल रही है।
श्री चौहान ने कहा कि जिलों के नवाचार सराहनीय हैं। जिले नवाचार करते रहें।एक जिला एक उत्पाद में नवाचार की व्यापक संभावनाएं हैं। नवाचारों की जानकारी सीएमओ मुख्यमंत्री कार्यालय, संबंधित विभाग और आयुक्त जनसम्पर्क (सीपीआर ऑफिस) को निरंतर प्रदान करते रहें।
बघेल
वार्ता
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