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बस्तर में मैना को बचाने के किए जा रहे हैं प्रयास

जगदलपुर, 15 मई (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के विलुप्त हो रहे राज्य पक्षी को बचाने के प्रयास प्रशासन की तरफ से किए जा रहे हैं।
बस्तर जिले के राष्टीय उद्यान कांगेर घाटी के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि कांगेर घाटी में मैना और वन्य जीवों को बचाने के लिए स्थानीय छात्रों के बीच जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में स्थानीय लोग इस धरोहर को बचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि विलुप्त होती राज्य पक्षी बस्तर मैना जो हूबहू इंसान की तरह बोलती है। इसको बचाने के लिए मैना मित्र के तहत एक योजना प्रारंभ की गई है। योजना के तहत स्थानीय छात्रों का चयन किया गया है, जो सप्ताह में दो दिन मैन मित्र का काम करेंगे।
उन्होंने बताया कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क एरिया में दो सौ से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी मौजूद हैं। इनमें से कुछ पक्षी विलुप्ति की कगार पर भी हैं। ऐसे में अब इस इलाके में रहने वाले बच्चों को पक्षियों के प्रति जागरूक करने के लिए पार्क प्रबंधन ने नई पहल की शुरुआत की है। पार्क प्रबंधन हर शनिवार और रविवार को इलाके के बच्चों को निशुल्क पार्क का भ्रमण करवाएगा। इस दौरान प्रबंधन का पूरा फोकस होगा कि बच्चों को पार्क में रहने वाले पक्षियों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें और पक्षियों के प्रति उनका लगाव बढ़ाए।
उन्होंने बताया कि कांगेर नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों के साथ-साथ कई रंग-बिरंगी चिडिया उड़ती हुई दिख जाती हैं। राज्य पक्षी पहाड़ी मैना इन्हीं जंगलों में निवास करती है। इन जगंलों में पहाड़ी मैना के साथ भृंगराज, उल्लू, वनमुर्गी, जंगली मुर्गा, क्रेस्टेड, सरपेंट ईगल, श्यामा रैकेट टेल, ड्रांगो आदि सामान्यतः पाये जाते हैं। इसके अलावा यहां सैकड़ों प्रकार की तितलियां भी मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि उद्यान अब एक नए स्वरूप में पर्यटकों के लिए तैयार होने जा रहा है। इसके तहत अब ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यहां पर केरल मॉडल की तर्ज पर कई सुविधाओं की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं संरक्षण पहली प्राथमिकता है। यहां मौजूद विविध प्रकार के जीव जंतुओं की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
सं विश्वकर्मा
वार्ता
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