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भोपाल में पेयजल संकट की खबरों के बीच शिवराज को सड़क पर खुद संभालना पड़ा मोर्चा

भोपाल, 18 मई (वार्ता) भोपाल के नए शहर से जुड़े बड़े हिस्से में पिछले एक सप्ताह से जलसंकट की खबरों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां स्वयं सबरीनगर क्षेत्र में आम लोगों से इस बारे में चर्चा की और मौके से ही नगर निगम आयुक्त को जल संबंधी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
श्री चौहान अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप सुबह मैपकॉस्ट में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। तभी वे रास्ते में सबरी नगर क्षेत्र में सड़क किनारे पानी के लिए खड़े दर्जनों लोगों के बीच अचानक काफिला रुकवाकर उनके बीच पहुंच गए। श्री चौहान को नागरिकों ने बताया कि यहां जल प्रदाय प्रतिदिन नहीं है और बोरिंग भी बंद पड़ी हुयी है। इस वजह से जलसंकट का उन्हें सामना करना पड़ रहा है।
श्री चौहान ने तत्काल फोन पर नगर निगम आयुक्त से बात की और तल्ख अंदाज में कहा कि वे कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस लौटेंगे और फिर यहीं पर रुकेंगे। तब तक पानी संबंधी नागरिकों की समस्या का समाधान होना चाहिए। इसके बाद श्री चौहान अपने निर्धारित गंतव्य की ओर रवाना हो गए। वहीं कलेक्टर अविनाश लवानिया और निगम आयुक्त समेत पूरा अमला मौके पर पहुंचा और समस्या के समाधान में जुट गया।
श्री चौहान वापसी में फिर उसी स्थान पर रुके और तब उन्हें अधिकारियों ने बताया कि यहां के जलसंकट संबंधी समस्या का समाधान हो गया है।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट के जरिए आरोप लगाया है कि 17 वर्षों की भाजपा सरकार में आज भी राजधानी प्यासी है। श्री सलूजा ने ट्वीट में लिखा है कि भोपाल के सबरी नगर में मुख्यमंत्री के काफिले को लोगों ने रोककर जलसंकट की वास्तविकता दिखायी और जनता इतनी त्रस्त है कि उसने मुखिया से पानी की गुहार लगायी। वहीं नगर निगम प्रशासन और आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि श्री चौहान ने अपना काफिला स्वयं रोककर नागरिकों से मुलाकात की।
दरअसल शहर में जलप्रदाय संबंधी कोलार परियोजना की नयी पाइपलाइन शुरू करने के कार्य के कारण नए शहर के लगभग सभी हिस्सों में तीन चार दिनों तक जलप्रदाय प्रभावित होने की बात नगर निगम प्रशासन ने की थी, लेकिन शहर के पॉश और वीवीआईपी माने जाने वाले अरेरा कॉलोनी और चार इमली क्षेत्र में भी निवासियों को लगभग एक सप्ताह तक जलसंकट का सामना करना पड़ा। वहीं सघन और झुग्गीवाले क्षेत्रों में नागरिकों के बीच पानी के लिए हाहाकार मच गया। प्रशासन ने टैंकर आदि के जरिए जलप्रदाय की व्यवस्था करने का दावा किया था, लेकिन भीषण गर्मी और तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के चलते लोगों को काफी परेशान होना पड़ा।
नए शहर में आज से कुछ स्थानों पर पानी पहुंचने की खबरें आ रही हैं, लेकिन जल प्रदाय व्यवस्था सुचारू ढंग से अब भी प्रारंभ नहीं हो पायी है। वहीं निगम प्रशासन की ओर से जारी प्रेस नोट में दावा किया गया है कि नवीन लाइनें शुरू होने से वर्तमान जलप्रदाय व्यवस्था में पूर्व की अपेक्षा काफी वृद्धि हुयी है। प्रेशर के कारण शहर के अनेक क्षेत्रों में टंकियां शीघ्र भरकर नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में जल मुहैया कराया जा रहा है।
प्रशांत
वार्ता
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