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शिवराज ने निशाना ग्राम सभा में जनजातीय समुदाय को बताये पेसा एक्ट के प्रावधान

बैतूल, 02 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की धरती पर पेसा एक्ट एक नई क्रांति है। गरीब जनजातीय भाई-बहनों को जल, जंगल एवं जमीन पर अधिकार दिए गए हैं। राज्य सरकार अब गाँव के चौपाल से चलेगी।
श्री चौहान आज जिले के जनजातीय ब्लाक भीमपुर की ग्राम पंचायत नांदा के ग्राम निशाना में विशेष ग्राम सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चौपाल में जनजातीय समुदाय को पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के प्रति जागरूक किया। कृषि मंत्री कमल पटेल, सांसद दुर्गादास उइके, विधायक योगेश पंडाग्रे सहित अन्य जन-प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय उपस्थित रहा।
ग्राम सभा में उपस्थित जनजातीय समूह ने स्थानीय गोंडी भाषा में ‘माता नाटे ,माता राज’ अर्थात हमारा अधिकार-हमारा राज कह कर मुख्यमंत्री का आभार माना और उन्हें धन्यवाद चित्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने ग्राम निशाना की ग्राम सभा को सर्व-सम्मति से तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विक्रय का प्रस्ताव पारित करने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने वन और राजस्व विभाग एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से कहा कि वे तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विक्रय के कार्य में ग्राम सभा को पूरा सहयोग प्रदान करें। उल्लेखनीय है कि पेसा एक्ट के नए प्रावधानों में ग्राम निशाना में विभिन्न समितियाँ, जिसमें शांति एवं विवाद निवारण समिति, वन संसाधन योजना और नियंत्रण समिति एवं अन्य समितियों का भी गठन किया गया हैं। साथ ही ग्राम निशाना को सबके सहयोग एवं प्रेरणा से नशामुक्त ग्राम बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।
श्री चौहान ने ग्राम सभा में वन सुरक्षा समिति तवाढाना के 40 परिवार को 15 लाख रूपये की राशि का चेक वितरित किया। उल्लेखनीय है कि समिति द्वारा बांस का विदोहन स्वयं कर विक्रय किया गया है। समिति ने पिछले 3 वर्ष में एक करोड़ रूपए की राशि एकत्रित की। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग बैतूल की शांति एवं विवाद निवारण समिति की मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।
उन्होंने ग्राम सभा में पेसा एक्ट के प्रावधानों की जानकारी ग्रामीणों के साथ रूबरू होकर दी। उन्होंने इस एक्ट के लागू होने से जनजातीय समुदाय को मिले जल, जंगल, जमीन के अधिकारों को विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट के प्रति ग्रामीण जागरूक होकर अपने अधिकारों का उपयोग करें, जिससे ग्राम के साथ-साथ ग्रामीणों में भी आत्म-निर्भरता आ सके।
बघेल
वार्ता
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