राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Dec 3 2022 5:16PM गैस आपदा से पीड़ित लोगों ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कियाभोपाल, 03 दिसम्बर (वार्ता) यूनियन कार्बाइड गैस आपदा से पीड़ित हजारों लोगों ने आज भोपाल गैस त्रासदी की 38वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और मांग की कि सरकार को आपदा के कारण होने वाली मौतों और स्वास्थ्य संबंधी खतरों के सटीक आंकड़े सामने लाने चाहिए। भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने यहां विज्ञप्ति में बताया कि प्रदर्शन कर त्रासदी के 40 हजार जीवित बचे लोगों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका द्वारा अतिरिक्त मुआवजे के लिए उनकी उपचारात्मक याचिका में सुधार की मांग की गई है। उन्होंने कहा की, “भोपाल के 93 प्रतिशत बचे लोगों को अस्थायी चोट श्रेणी में रखा गया है और मुआवजे के रूप में केवल 25 हजार रुपये दिए गए हैं। उन्होंने सरकार और पीड़ित संघों द्वारा मांगी गई मुआवजे की राशि में अंतर की ओर इशारा करते हुए कहा, “सरकार यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल से मुआवजे के रूप में 96 अरब रुपये मांग रही है जबकि हम 646 अरब रुपये की मांग कर रहे हैं। मुआवजे की राशि की गणना के लिए हमने जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया है, वे आधिकारिक रिकॉर्ड और केंद्र सरकार की एक एजेंसी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के हैं।” बचे हुए लोगों और सरकार द्वारा अग्रेषित आंकड़ों में यह असमानता राहत पैकेजों की गणना करते समय सरकार की ओर से कम आंकने और असंवेदनशील दृष्टिकोण को दर्शाती है।भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की शहजादी बी, और भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की राशिदा बी ने रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात की और उन्हें अपनी वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और दस्तावेजों का एक सेट प्रस्तुत किया, जिसमें मृत्यु और मृत्यु के वास्तविक आंकड़े, संशोधित राहत पैकेज मांगों के ज्ञापन के लिए उनकी मांग का कानूनी आधार दिखाया गया। नागवार्ता