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विकास और पर्यावरण का संतुलन जरूरी:शिवराज

भोपाल, 03 दिसम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकास और पर्यावरण का संतुलन आवश्यक है। विकास के नाम पर प्रकृति का विनाश उचित नहीं। आज सभी जगह नदियों में प्रदूषण बढ़ रहा। यदि हमने चिंतन नहीं किया तो ग्लोबलवार्मिंग की स्थितियाँ बनेंगी।
श्री चौहान आज भोपाल गैस त्रासदी की 38वीं बरसी पर बरकतउल्ला भवन सेंट्रल लाइब्रेरी भोपाल में श्रद्धांजलि एवं सर्वधर्म प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गैस त्रासदी से प्रभावित नागरिकों के प्रति सदैव सहयोगी रहेगी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति पृथ्वी पर कुछ दिन के लिए आया है। सभी धर्मों में भी कहा गया है कि जीवन में सदैव अच्छे कर्म करें। बुरे कार्य का दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। ईश्वर एक है, रास्ते अलग-अलग हैं। प्रत्येक धर्मगुरूओं को एक साथ सुनते हैं तो सार्थक संदेश मिलता है। जीवन में जब तक व्यक्ति है, अच्छे कर्म करे, अपने कर्त्तव्यों की पूर्ति करे। सभी का अलग-अलग दायित्व है। सभी अपने कर्त्तव्य का पालन करें। हमारा जीवन तभी धन्य होगा।
श्री चौहान ने धर्मगुरूओं को धन्यवाद दिया कि आज उन्होंने यहाँ सर्वधर्म प्रार्थना सभा में सार्थक संदेश दिया है। जब किसी मनुष्य की त्रुटि के कारण कोई दुनिया से चला जाता है, वह त्रासदी पूर्ण होता है। यूनियन कार्बाइड की गलती, उस पर नियंत्रण रखने वाले जिम्मेदार लोगों की त्रुटि और उनकी लापरवाही के कारण लोगों का जीवन समाप्त हुआ। सैकड़ों मासूम बच्चे और युवा चले गए। इस त्रासदी को 38 वर्ष हो गए, पर यह भुलाए नहीं भूलती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल से हमें सबक लेना है। प्रत्येक जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी निभाए। जिन्होंने जिम्मेदारी नहीं निभाई, उन्हें सजा भी मिले। प्रकृति से खिलवाड़ हो, यह सही नहीं है। किसी भी स्थिति में जीवों को मारना उचित नहीं है। आज प्राकृतिक कृषि की बात की जा रही है, जो कीटनाशकों को नष्ट करने वाले रसायनों के उपयोग के बिना की जाती है। उन्होंने कहा कि हम प्रकृति का दोहन नहीं शोषण करते हैं। इसी से विसंगति निर्मित होती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाना आवश्यक है। भोपाल की गैस त्रासदी एक संदेश देती है। हम प्रकृति के दोहन की जितनी भरपाई कर पाएँ उतना ही उपयोग करें।
श्री चौहान ने कहा कि सभी मिल कर पर्यावरण बचाएँ। आम जनता को संदेश देने के लिए हम अपनी साँसों के लिए ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने का कार्य करें। प्रतिदिन पौध-रोपण से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है। धरती को बचा कर आने वाली पीढ़ियों के हित के लिए सोचें और कार्य करें। यह पृथ्वी सभी के लिए है। पूरी दुनिया में यह विचार चल रहा है। अभी धरती प्रदूषित हो रही है। हम धरती और नदियों को बचाएँ। प्राकृतिक संसाधन जहरीले हो रहे हैं। इसे रोकने कि लिये विकास और पर्यावरण में संतुलन आवश्यक है। मनुष्य अपनी सीमा में रहे, सीमाएँ तोड़ना घातक है।
श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता की ओर से त्रासदी में दिवंगत भाई-बहनों को श्रद्धांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति और हमें सद्बुद्धि दे, जिससे कोई शहर भोपाल न बने। हम सभी अपने नागरिक कर्त्तव्यों का पालन करें।
भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, श्री रमेश शर्मा “गुट्टू भैया”, जन-प्रतिनिधि, धर्मगुरू, अपर मुख्य सचिव भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव श्रीमती करलीन खोंगवार देशमुख, भोपाल कमिश्नर माल सिंह, संचालक गैस राहत सहित अधिकारी-कर्मचारी और नागरिक उपस्थित थे। विभिन्न धर्मों के प्रमुखों ने प्रार्थना कर गैस त्रासदी में दिवंगत नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गैस त्रासदी के प्रतीक पर पुष्प अर्पित किए। सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर गैस त्रासदी में दिवंगत नागरिकों को सामूहिक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सर्वधर्म प्रार्थना सभा में हिन्दू धर्म से रमेश त्रिपाठी, मुस्लिम धर्म से शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी, जैन धर्म से वीर कुमार जैन, बोहरा समाज से शेख जौहेर भाई शाकिर, सिख धर्म से ज्ञानी गुरमेश सिंह, क्रिश्चयन धर्म से मारिया स्टीफन और बौद्ध धर्म के शाक्य पुत्र सागर उपस्थित थे।
नाग
वार्ता
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