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केन्द्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने स्वागत भाषण में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने तथा सूरीनाम के राष्ट्रपति श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली द्वारा कार्यक्रम में सहभागिता के लिए आभार माना तथा मुख्यमंत्री श्री चौहान को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय उत्पादों की संपूर्ण विश्व में मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में विश्व के विभिन्न देशों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए केन्द्र शासन द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन अतीत के बलिदान को स्मरण करते हुए भविष्य के सपनों को साकार करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का अवसर है।केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रवासी भारतीयों को एल.ई.आर. लर्न-अर्न एंड डू रिटर्न का संदेश देते हुए कहा कि आपका भविष्य यहीं हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य की अवधारणा पर कार्य करते हुए संपूर्ण विश्व में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर रहा है। मातृभूमि की माटी हर व्यक्ति की वास्तविक पहचान होती है। भारत का कोई भी पुत्र-पुत्री भारतीयता से जुदा नहीं हो सकता, इसी सोच के आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन आरंभ किया। यह सम्मेलन अतुल्य संगम की अनुभूति प्रदान कर रहा है।केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी प्रतिभा की छाप सभी क्षेत्रों में छोड़ी है। सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा, व्यापार आदि क्षेत्रों में प्रवासी भारतीयों ने विश्व को उबारने का सामर्थ्य प्रदर्शित किया है। भारत को विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।श्री सिंधिया ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सुरक्षा, सहूलियत और समृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड काल में प्रवासी भारतीयों सहित विश्व के कई देशों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की। यूक्रेन युद्ध के समय भारत के विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालना प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रभाव और प्रयासों से ही संभव हुआ। प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह विचार कि “भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता” पूर्णत: सत्य सिद्ध हो रहा है। “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड” के समान ही भारत ने विश्व को वन मोदी की सौगात प्रदान की है।राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सत्र में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए। इसके अंतर्गत गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली को सामुदायिक कल्याण, आस्ट्रेलिया के प्रोफेसर जगदीश चंद्रपति को विज्ञान, तकनीक और शिक्षा, भूटान के संजीव मेहता को शिक्षा, ब्राजील के दिलीप लुंडो को कला-संस्कृति, ब्रुनेई के डॉ. एलेक्सज़ेंडर जॉन को मेडिसिन, कनाडा के डॉ. वैकुंटम अय्यर लक्ष्मणम और क्रोएशिया के डॉ. जुगेन्नदर सिंह निज़र को कला-संस्कृति, डेनमार्क के प्रोफेसर रामजी प्रसाद को सूचना प्रौद्योगिकी, इथोपिया के डॉ. कन्नन अम्बलम को सामुदायिक कल्याण, जर्मनी के डॉ. अमल कुमार मुखोपाध्याय को सामुदायिक कल्याण तथा मेडिसिन, इज़राइल की सुश्री रीना विनोद पुष्करना को सामुदायिक कल्याण, जापान की सुश्री मक्सूदा सर्फी श्योटानी को शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया।राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने मेक्सिको के डॉ. राजागोपाल को शिक्षा, पोलैंड के अमित कैलाशचंद्र लाथ को सामुदायिक कल्याण तथा व्यापार, कांगो के श्री परमानंद सुखमल दासवानी को सामुदायिक कल्याण, सिंगापुर के पीयूष गुप्ता को व्यापार, दक्षिण अफ्रीका के श्री मोहनलाल हीरा को सामुदायिक कल्याण, दक्षिण सूडान के संजय कुमार शिव भाई पटेल को सामुदायिक कल्याण तथा व्यापार, श्रीलंका के सिवकुमार नादेसन को सामुदायिक कल्याण, सूरीनाम के डॉ. देवचंद्रभोस शर्मा को सामुदायिक कल्याण, स्विटजरलैंड की डॉ. अर्चना शर्मा को विज्ञान एवं तकनीक, यूनाइटेड किंगडम के श्री चंद्रकांत पटेल को मीडिया, अमेरिका के डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल को व्यापार तथा सामुदायिक कल्याण, उज्बेकिस्तान के श्री अशोक तिवारी को व्यापार, संयुक्त अरब अमीरात के श्री सिद्धार्थ बालचन्द्रन को व्यापार और सामुदायिक कल्याण तथा त्रिनिदाद और टोबेगो के जस्टिस श्री फ्रैंक ऑर्थर सीपरसाद को शिक्षा तथा सामुदायिक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए।राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के साथ पुरस्कार प्राप्त प्रवासी भारतीयों का ग्रुप फोटो हुआ। कार्यक्रम में सूरीनाम के राष्ट्रपति श्री चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया तथा बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय उपस्थित थे। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आभार व्यक्त किया। प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों की ओर से स्विटजरलैंड की डॉ. अर्चना शर्मा ने भी आयोजन तथा प्रवासी भारतीयों की प्रतिभा और उनके योगदान को पहचान देने तथा सम्मान प्रदान करने के लिए आयोजकों का आभार माना।नाग
वार्ता
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