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नाबार्ड कृषि क्षेत्र के लिये 2 लाख 58 हजार 598 करोड़ रूपये का ऋण उपलब्ध करायेगा

भोपाल, 24 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने की राज्य सरकार की प्राथमिकता को देखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक- नाबार्ड ने वर्ष 2023-24 के लिये 2 लाख 58 हजार 598 करोड़ रूपये ऋण उपलब्ध कराने का अनुमान लगाया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6.43 प्रतिशत ज्यादा है। इससे किसानों, उद्यमों से जुड़े कामगारों और राज्य की पूर्ण अर्थ-व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
श्री देवड़ा ने यह जानकारी आज यहाँ भोपाल में नाबार्ड के मध्यप्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित ‘राज्य ऋण संगोष्ठी 2023-24’ में दी गई। इसमें कृषि के लिये 1,80,160 करोड़ रूपये, एमएसएमई के लिये 65,832 करोड़ रूपये और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिये 12,606 करोड़ रूपये ऋण उपलब्ध कराने की संभावना का अनुमान हैं।
वित्त मंत्री ने संगोष्ठी में कहा कि किसानों एवं ग्रामीण उद्यमियों को सहायता मिलेगी। इससे किसान न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अपना योगदान देंगे बल्कि देश की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने में मध्यप्रदेश के 550 बिलियन डॉलर के योगदान के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार बनेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय में कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र रहा है जिसने इस दौरान भी विकास की दर बनाए रखी। राज्य सरकार ने भी अर्थ-व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनायें लागू की। उन्होने कहा कि नाबार्ड का सहयोग राज्य की अर्थ-व्यवस्था को गति प्रदान करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इससे किसानों की आय बढाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण उद्योग (पी.एम.एफ़.एम.ई.) को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की। उन्होने कहा कि राज्य सरकार सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने और उनके व्यवसायीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
संगोष्ठी में वित्त मंत्री ने राज्य फोकस पेपर 2023-24 तथा 550 बिलियन डालर अर्थ-व्यवस्था के लिये "मध्यप्रदेश में कृषि ऋण प्रमुख मुददे" पुस्तिका का विमोचन किया। राज्य में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले बैंकों को सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए ऋण आंकलन में कृषि, एमएसएमई एवं सभी प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र की हिस्सेदारी क्रमश: 70 प्रतिशत, 25 प्रतिशत और 5 प्रतिशत आंकी गई है। नाबार्ड के सहयोग से जल-संसाधन, कृषि मशीनीकरण, बंजर भूमि विकास, पशुपालन, मछली पालन, भंडार-गृह निर्माण, खाद्य प्र-संस्करण, नवकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन होगा।
नाबार्ड के मुख्य महा प्रबंधक निरूपम मेहरोत्रा, एसबीआई के मुख्य महा प्रबंधक विनोद कुमार मिश्रा, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक नीरज निगम, अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल, अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी जे. एन. कंसोटिया और अपर मुख्य सचिव वित्त अजीत केसरी उपस्थित थे।
नाग
वार्ता
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