राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Feb 6 2023 8:01PM उच्च न्यायालय ने आरक्षण विधेयक को रोकने पर राजभवन को जारी किया नोटिसबिलासपुर 06 फरवरी(वार्ता)छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने विधानसभा द्वारा पारित आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षर नही करने पर भूपेश सरकार की याचिका पर राजभवन को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा हैं। न्यायमूर्ति श्रीमती रंजनी दुबे की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर आज सुनवाई के बाद राज्यपाल को यह नोटिस जारी किया।राज्य सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं राज्य के महाधिवक्ता सतीश वर्मा ने पीठ के सामने पक्ष रखते हुए बताया कि राज्यपाल ने 02 दिसम्बर 22 को पारित आरक्षण विधेयक को अनुच्छेद 200 के तहत संविधान के विपरीत रोक कर रखा हैं। राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि राज्यपाल को संविधान के तहत तीन तरह के ही अधिकार प्राप्त हैं,जिसमें या तो वे विधेयक पर हस्ताक्षर करें,या उसे सरकार को वापस करें या फिर राष्ट्रपति को प्रेषित करें।अधिवक्ताओं के अनुसार राज्यपाल ने तीनों ही प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए राजनीतिक लाभ के लिए बिल को संविधान के विपरीत रोक कर रखा है जोकि संविधान के विरूद्द हैं। न्यायमूर्ति श्रीमती दुबे ने अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद राज्यपाल को नोटिस जारी किया हैं।राज्य के इतिहास में यह पहला मौका हैं जबकि किसी विधेयक पर हस्ताक्षर को लेकर उपजे विवाद के बाद राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया हैं। साहूवार्ता