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सिंधिया समर्थक कई नेता कांग्रेस में आने की जुगत में, जो बिका उसके लिए पार्टी के दरवाजे बंद : मिश्रा

भोपाल, 08 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने आज दावा किया कि वर्ष 2020 में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पार्टी छोड़ कर गए कई नेता पार्टी में दोबारा आने की कोशिश में हैं, लेकिन कांग्रेस कोई धर्मशाला नहीं है और जो 'बिक' गया, उसके लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो गए हैं।
श्री मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि श्री सिंधिया के कई समर्थक जो उस समय पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए थे, वे अब वापस कांग्रेस से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्पष्ट करना चाहते हैं कि कोई अगर पार्टी छोड़ के जाता है तो उसकी वापसी पर शीर्ष नेतृत्व विचार कर सकता है, पर जो 'बिक' चुका है, उसके लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद हो गए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोई धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी विश्राम करने के लिए आए और अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए वापस 'जहरीली विचारधारा' के साथ मिल जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्हें पार्टी एक बार जान चुकी है, दूसरी बार उन्हें यहां प्रवेश कराने की गलती नहीं की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ, जिनकी सरकार को उस समय अपदस्थ किया गया, वे भी कार्यकर्ताओं की इस भावनाओं से सहमत होंगे।
श्री मिश्रा ने दावा किया कि ऐसे कई नेता है, जो पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह तक को 'एप्रोच' कर कह रहे हैं कि वे माफी मांगने को तैयार हैं, बस उन्हें टिकट देने का वादा कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि जो बिक चुका है, उसे कांग्रेस में लेने की कोई गुंजाइश नहीं है।
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री दीपक जोशी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भाजपा में श्री जोशी जैसे स्वाभिमानी व्यक्ति भी रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस को बिना शर्त अंगीकार किया है।
मार्च 2020 में श्री सिंधिया के साथ उनके बहुत से समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का हाथ थाम लिया था। उनमें से कई तत्कालीन समय में कांग्रेस सरकार में मंत्री और विधायक थे। इन सभी के कांग्रेस छोड़ने के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई और प्रदेश में एक बार फिर भाजपा सरकार आ गई। उसी समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर प्रदेश की कमान संभाली थी। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व एक बार फिर दलबदल का दौर शुरु हो गया है।
गरिमा
वार्ता
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