राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: May 29 2023 5:51PM श्रमिक वर्ग के लिए बढ़ाएंगे स्वास्थ्य और उपचार सुविधाएं: शिवराजभोपाल, 29 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा श्रमिकों के हित में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार आवश्यक प्रस्ताव भी केन्द्र को देगी।श्री चौहान और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज यहां मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में हुई बैठक में प्रदेश में श्रम विभाग के चिकित्सालयों में सुविधाएं बढ़ाने और श्रमिकों के उपचार के लिए सुविधाओं में वृद्धि संबंधी विचार-विमर्श किया। साथ ही नगरीय निकायों के अनुबंधित कर्मचारियों के लिए भी श्रम विभाग की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई। प्रदेश के श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जनजातीय बहुल धार जिले में श्रम मंत्रालय अंतर्गत मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की पहल के लिए केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री यादव का आभार माना। श्री चौहान ने कहा कि धार जिले में औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के संस्थान में कार्यरत श्रमिकों और अंचल की अन्य औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों के बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए जाने की पहल सराहनीय है। राज्य सरकार द्वारा आवश्यक अधो-संरचनात्मक कार्य तत्परता से करवाए जाएंगे। इसी तरह जिलों में स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्माण और विकास के लिए भूमि एवं अन्य सुविधाएँ दिलवाई जाएंगी।केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने कहा कि अब उद्योग एवं व्यवसायों से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के प्रबंध आवश्यक हैं। इस संबंध में श्रम मंत्रालय सजग है। वस्त्र व्यवसाय के कारीगर, पत्थर खदान श्रमिक और अन्य उद्योगों से जुड़े लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेष उपचार की व्यवस्था की जा रही है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल के लिए अनुमोदन हुआ है। इसके लिए भूमि की व्यवस्था की जा रही है। केन्द्रीय मंत्री श्री यादव ने अन्य जिले बैतूल, छतरपुर, दमोह, गुना, नरसिंहपुर, राजगढ़, सीहोर, सिवनी, सीधी और उमरिया में अस्पतालों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सक पदस्थ किए जा रहे हैं। इंदौर के ईएसआईसी अस्पताल पर साढ़े 3 लाख से अधिक श्रमिक निर्भर हैं। यहाँ सुपर स्पेशलिटी सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं, जिसमें किडनी से जुड़े रोगियों के लिए डायलिसिस सुविधा भी शामिल है।बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में एक ईएसआईसी अस्पताल, 6 ईएसआईएस हॉस्पिटल और 42 डिस्पेंसरी संचालित हैं। प्रदेश के करीब 10 लाख श्रमिक इनका लाभ ले रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा पीथमपुर और जबलपुर में 100-100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल और मैहर एवं केमूर में डिस्पेंसरी के लिए सिद्धांतत: अनुमोदन किया जा चुका है। इंदौर के 300 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में प्रतिदिन 1200 बाहृय रोगी उपचार के लिए आते हैं। इस अस्पताल के 500 बिस्तर क्षमता में उन्नयन का कार्य भी चल रहा है। अस्पताल में हृदय रोग, कैंसर रोग के उपचार के लिए भी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गई हैं। पीथमपुर में 100 बिस्तर क्षमता के ईएसआईएस अस्पताल के लिए 117 करोड़ रूपये का प्रारंभिक प्राक्कलन तैयार किया गया है। प्रदेश के भोपाल, देवास, ग्वालियर, इंदौर, नागदा और उज्जैन में ईएसआईएस अस्पतालों में सुविधाएँ बढाई जा रही हैं। सनावद जिला खरगोन, बीना जिला सागर, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, रीवा, नर्मदापुरम, खण्डवा और शाजापुर स्थित ‘डिस्पेंसरी-कम-ब्रांच ऑफिस’ में चिकित्सक पदस्थ किए गए हैं। श्रम विभाग के विभिन्न 250 रिक्त पदों की पूर्ति भी की जा रही है।बघेल वार्ता