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सिकलसेल एवं टीबी उन्मूलन के लिए सभी मिलकर प्रयास करें: पटेल

खरगोन, 16 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आज कहा कि सिकलसेल एनीमिया की बीमारी अनुवांशिक होती है और यह आदिवासी समाज में बहुतायत में पायी जाती है। इसी प्रकार आदिवासी समाज में टीबी के मरीज भी अधिक संख्या में पाये जाते हैं। इन बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाकर इनका उन्मूलन करने की आवश्कता है। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करना होगा।
श्री पटेल ने यह बातें यहां सुशीला देवी उमराव सिंह पटेल सेवा संस्थान द्वारा आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण एवं रक्तदान शिविर में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही। राज्यपाल ने कहा कि वे वहां अवश्य जाते हैं। जहां दीन दुखियों की सेवा की जाती है। क्षेत्रीय सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल द्वारा अपनी माता के द्वारा प्रारंभ किये गए संस्थान के माध्यम से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन जनसेवा का अच्छा काम किया जा रहा है। इस शिविर में युवाओं द्वारा रक्तदान किया जा रहा है। रक्तदान, महादान है जो दूसरे की जान बचाने के काम आता है। युवा अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करने के लिए आगे आएं।
राज्यपाल ने कहा कि देश में 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए निश्चय मित्र बनकर सहयोग किया जा सकता है। घर में टीबी का मरीज होने पर उसके अलग रहने की व्यवस्था की जाए और 06 माह तक नियमित रूप से दवा का सेवन करने पर टीबी का मरीज ठीक हो जाता है।
सिकलसेल एनीमिया बीमारी की चर्चा करते हुए श्री पटेल ने कहा कि यह एक अनुवांशिक बीमारी है और आदिवासी समाज में बहुतायात में पायी जाती है। इस बीमारी से बचने के लिए समय पर इसकी पहचान जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि युवा शादी करने के पहले देख लें कि दोनों सिकलसेल से पीड़ित तो नहीं है। यदि लड़का और लड़की दोनों को सिकलसेल की बीमारी है तो उन्हें आपस में शादी नहीं करना चाहिए। ऐसे जोड़े के विवाह करने से पैदा होने वाले बच्चें भी सिकलसेल से ग्रसित होते हैं। सरकार ने वर्ष 2047 तक सिकलसेल निर्मूलन का लक्ष्य रखा है।
राज्यपाल ने श्रीअन्य सिकलसेल के मरीजों से कहा कि ज्यादा तैलीय पदार्थ न खाएं और बाहर को भोजन न खाएं, बल्कि घर पर ही मोटे अनाज को अपने भोजन में शामिल करें। भारत सरकार ने “मिलेट” (मोटा अनाज) के लिए 15 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा सिकलसेल के मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र एवं टीबी मरीजों को पोषण आहार का वितरण किया गया। उन्होंने रक्तदान करने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र का वितरण किया और रक्तदान करने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
श्री पटेल ने जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा तैयार किये गए खरगोन जिले के कैलेण्डर का विमोचन किया। इसमें खरगोन जिले के ऐतिहासिक एवं पर्यटक स्थलों को दर्शाया गया है। स्थानीय सांसद श्री पटेल द्वारा राज्यपाल श्री पटेल को पारंपरिक जैकेट पहनाकर पारम्परिक धनुष बाण स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया गया।
कार्यक्रम में अरविंदो हॉस्पीटल इंदौर के चैयरमेन डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि इस शिविर में उनके संस्था के चिकित्सकों द्वारा सिकलसेल, थायराईड, एनीमिया के साथ ही केंसर जांच की भी व्यवस्था की गई है। उनकी संस्था द्वारा बच्चों में सिकलसेल एनीमिया की पहचान के लिए कोमल स्पर्श नाम से एक अभियान भी प्रारंभ किया गया है। उनके संस्थान द्वारा घर-घर जाकर कैंसर जांच का अभियान भी चलाया जा रहा है।
खरगोन-बड़वानी सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल, रतलाम-झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर, धार-महु सांसद छतरसिंह दरबार, खण्डवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, बैतूल-हरदा सांसद दुर्गादास उईके, खरगोन विधायक बालकृष्ण पाटीदार, बड़वाह विधायक सचिन बिरला, पानसेमल विधायक श्याम जी बर्डे, पंधाना विधायक छाया मोरे, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, एसपी धर्मवीर सिंह अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में सिकलसेल एनीमिया के मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र तथा टीबी मरीजों को पोषण आहार का वितरण किया गया। इस अवसर पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने रक्तदान किया।
बघेल
वार्ता
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