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छत्तीसगढ़ भारत का गाजा बना, आदिवासियों की हत्या बंद हो:गोंजालविस

जगदलपुर , 26 अगस्त (वार्ता) उच्चतम न्यायालय के वकील कॉलिंग गोंजालविस ने छत्तीसगढ़ को भारत का गाजा करार दिया और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें आदिवासियों की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
तीन दिवसीय बस्तर दौरे पर पहुंचे श्री गोंजालविस ने सीधे तौर पर कहा है कि छत्तीसगढ़ भारत का गाजा बन चुका है। यहां आदिवासियों की हत्याएं की जा रही हैं। हमें पहले कुछ पता नहीं था। जब हम छत्तीसगढ़ में पहुंचे तो यहां की हकीकत हमें मालूम चली। आए दिन जिस तरह से आदिवासियों पर अत्याचार व दमन हो रहा है यह हमने कभी सोचा नहीं था। अभी भी हम हैरान हैं कि आगे का रास्ता कैसा होगा,क्या करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब तक 70 लोगों के बयान हमने लिए हैं। जो बेकसूर आदिवासी हैं जिनके घरों में घुसकर उनके पति बच्चों की हत्या कर दी गई है। भारत में ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां इस तरह की हत्याएं हो रही हैं। यहाँ डीआरजी को खुली छूट दी गयी है कि जाओ किसी को भी मार दो। इनके ऊपर कोई नियंत्रण नहीं है। एक तरह से छत्तीसगढ़ खतरनाक राज्य बन चुका है। अब वे लोग ही यहां रह सकते हैं जिनकी माइनिग पर नजर है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि बस्तर के आदिवासियों को बख्श दिया जाए।
श्री गोंजालविस ने कहा कि हमारे पास 40 से 70 परिवार के वीडियो रिकॉर्डिंग है। हम उन पीड़ितों को लेकर शीर्ष अदालत जाएंगे तथा कोर्ट में सब सच बातें कहीं जाएगी। छत्तीसगढ़ की असली स्थिति हम सुप्रीम कोर्ट में दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के साथ टेबल टॉक तभी होगी जब आदिवासियों की हत्याएं बंद होगी। गृह मंत्रालय को भी मालूम है कि कौन नक्सली है और कौन आदिवासी। फिर भी लगातार आदिवासियों की हत्या हो रही है जो अविलंब बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग यही है कि एक रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए। साथ ही एक स्वतंत्र जांच कमेटी होनी चाहिए जिसके माध्यम से यह सारे जांच होने चाहिए। हम सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए अपील करेंगे
एक सवाल का जवाब देते हुए श्री गोंजालविस ने कहा कि पुलिस और नक्सलियों के बीच वॉर चल रहा है जिसमें आदिवासियों को बाहर किया जाना चाहिए। सरकार की एक कला है कि जब भी कोई एनकाउंटर होता है नक्सलियों और पुलिस के बीच आदिवासियों को लाकर खड़ा कर दिया जाता है। सरकार यह सब करना बंद कर दे। सरकार को रास्ता पता है और उसे कैसे सॉल्व करना है। वर्ष 2024 में 70 लोगों को जान से मार दिया गया अब दावा किया जा रहा है कि वे नक्सली थे। आम आदिवासी बेकसूर आदिवासी हैं जो सरकार और पुलिस के बीच फंस गए हैं। जो नक्सली है उसे जेल में डाल दिया जाए लेकिन जो आदिवासी बेकसूर है उनकी हत्याएं बंद होनी चाहिए। इसके अलावा डीआरजी की भी जांच होनी चाहिए। एक तरफ सालवा में जिस तरह से एसपीओ को इस्तेमाल किया गया अब आदिवासियों को खत्म करने के लिए डीआरजी को लगाया गया है जो इनाम और मैडल के लिए आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं। यह सब बंद होना चाहिए जो लोग वर्तमान में सत्ता में है वे बस्तर में शांति नहीं चाहते। यही वजह है कि आदिवासियों की बड़े पैमाने पर हत्या हो रही है।
सं.संजय
वार्ता
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