राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 1 2024 3:17PM नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकातभोपाल, 01 अक्टूबर(वार्ता) मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने आज यहां मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। श्री सिंघार ने जनहित के मुद्दे सरकार के समक्ष उठाए।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक की समस्याओं को सुना। डॉ यादव ने इस दौरान उम्मीद जतायी कि सकारात्मक विपक्ष प्रदेश के लिए भी बेहतर काम करेगा।मुख्यमंत्री ने विधायकों को बताया कि सरकार ने फसलों के सर्वेक्षण का निर्णय लिया है। जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि अगर फसल खराब हुई है तो उसका निराकरण किया जाए। गौशालाओं के लिए व्यवस्था अच्छी बनी रहे, इसके लिए इन्दौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर बड़ी-बड़ी नगर निगमों में गौशाला बनाने और गौधन को बढ़ावा देने के प्रयास चल रहे हैं। साथ ही दूध पर बोनस और दूध उत्पादन में भी मध्यप्रदेश को आगे ले जाने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य परिसीमन आयोग भी बनाया गया है। जिला, संभाग, तहसीलों को अपनी सीमाएं बदलने के लिए सभी प्रकार के सुझाव भी आएंगे। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि सभी विधायक, वो चाहे कांग्रेस के हो, या बीजेपी के सभी अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्रों के संबंध में “विजन डाक्यूमेंट” बनाएं। पांच सालों में विकास के मामले में वो अपनी विधानसभा को कहां ले जाना चाहते हैं और उसमें हम समान रूप से सारे विधायकों की मदद करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मध्यप्रदेश में वार्षिक बजट का आकार दोगुना करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। विकास के मामलों में मध्यप्रदेेश देश का नम्बर वन राज्य बने इस प्रयास में हम लगे हैं।नेता प्रतिपक्ष श्री सिंघार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर कहा कि विधायक दल ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान सोयाबीन की खरीदी 6000 रुपए पर करने की मांग की गयी। इसके अलावा धान का न्यूनतम मूल्य 3100 रुपए और गेंहू का मूल्य 2700 रुपए करने का मुद्दा भी उठाया गया। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते महिला अपराध, विधायकों को मिलने वाली विकास राशि में भेदभाव और जनहितैषी मुद्दों पर भी चर्चा की गयी।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित फसलों के सर्वेक्षण का मुद्दा भी मुख्मयंत्री के समक्ष उठाया गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में संप्रदाय के आधार पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। महिला, आदिवासियों और दलितों से जुड़े अपराध बढ़ रहे हैं। अल्पसंख्यकों में भी भय का माहौल है। विपक्ष के नेता के अनुसार जलजीवन मिशन में घोटाले का मामला भी मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया। उन्होंने सरकार ने इन सभी मुद्दों पर विपक्ष की मांग के अनुरूप कदम उठाने का आग्रह किया है। प्रशांतवार्ता