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दुर्ग पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का किया खुलासा

दुर्ग 09 अक्टूबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह से जुड़े एक दंपति समेत तीन आरोपियों को मुंबई से गिरफ्तार किया है।
तीनो आरोपी विदेश में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर सायबर घोटाले का काम करवाया करते थे। साथ ही सायबर से काम करवाने के दौरान उनके पासपोर्ट जप्त कर लिए जाते थे। पुलिस को दो अन्य आरोपियों की तलाश है।
गिरोह से जुड़े आरोपी नौकरी लगने के नाम पर लोगों को गल्फ कंट्री भेजा करते थे। भिलाई का एक व्यक्ति भारत आने के बाद उसने अपनी शिकायत साइबर पुलिस से की थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू की। जिसमे मुंबई के गोरेगांव में गोल्डन लिंक सर्विस के नाम से दो एजेंट भारत से लोगों को गल्फ कंट्री भेजा करते थे। पकड़े जाने के बाद गिरोह के अन्य लोगो की पतासाजी में पुलिस जुट गई है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि विदेश में दूसरे प्रदेशों के 10 से अधिक लोग वहां फंसे हैं जो भारत आना चाहते हैं। उनके लिए भी दुर्ग पुलिस भारत सरकार से भी पत्राचार करेगी। मुंबई में गोल्डन ट्रायंगल सर्विस एजेंसी खोलकर सीधे-साधे लोगों को गल्फ कंट्री में नौकरी दिलाने के नाम पर पहले उनसे लाख रुपये लेकर विदेश भेजा जाता था। उसके बाद एजेंट का कमीशन भी लिया जाता था। इस मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर की जगह उनसे ‘साइबर घोटाले’ का काम कराया जाता था। भिलाई के भी एक युवक इनके झांसे में आ गया। उसे कंबोडिया के लाओस भेजा गया। लेकिन वहां उसके पासपोर्ट को जब्त कर उसे मानसिक प्रताड़ना दिए जाने लगा।
इस बीच उससे किसी भी तरीके का एग्रीमेंट नहीं किया गया था। जिससे परेशान होकर शिकायतकर्ता युवक ने भी प्लेसमेंट एजेंसी पर लगातार दबाव बनाना शुरु कर दिया। जिसके कारण एजेंसी ने उसे वापस भारत भेज दिया। भारत वापस आने के बाद अपनी आप बीती और शिकायत को उसने दुर्ग पुलिस के उच्च अधिकारियों को बताया।
इसके बाद पुलिस की सायबर एक्सपर्ट टीम ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए अपराध दर्ज कर जांच आगे बढ़ाया। टीम के मुताबिक मुंबई के गोरेगांव स्थित गोल्डन लिंक सर्विस के नाम से संचालित एजेंसी के माध्यम से साजन,उनकी पत्नी और रफी खान मिलकर लोगों को कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर 200000 की वसूली किया करते थे लेकिन विदेश में जाने के बाद यह लोग उनके ग्रुप से जुड़े लोग उनसे साइबर स्कैम करवाया करते थे।
इस बीच भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी (आईपीएस) चिराग जैन ने बुधवार को बताया कि शिकायतकर्ता उनके चुंगल से जब छूटकर भारत आया तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तार में जुट गई ।
सं.संजय
वार्ता
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