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मुम्बई


कांग्रेस पदाधिकारियों ने आलाकमान को भेजे इस्तीफे

पठानकोट. 16 जनवरी (वार्ता) पंजाब की पठानकोट सीट पर कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार अमित विज के खिलाफ पार्टी के नौ पदाधिकारियों ने मोर्चा खोलते हुये पार्टी आलाकमान को अपने इस्तीफे भेज दिये हैं ।
इन सभी ने आलाकमान से आग्रह किया है कि टिकट बाहरी व्यक्ति को देने के बजाय स्थानीय व्यक्ति को देनी चाहिये थी। जब तक यहां का उम्मीदवार बदला नहीं जाता तब तक वे पार्टी के लिये काम नहीं कर सकेंगे। टिकट आबंटन के खिलाफ धुर विरोधी एकजुट होकर किसी स्थानीय को टिकट देने की बात पर अड़ गये हैं तथा आलाकमान को अपने इस्तीफे भेज दिये हैं।
इस्तीफा देने वाले सभी टिकट के दावेदार समझे जाते हैं। पूर्व विधायक अशोक शर्मा, पार्टी महासचिव एवं पूर्व मंत्री रमन भल्ला, पार्टी सचिव कीर्ति वढेरा, अनिल दारा, सचिव एवं कार्यकारिणी सदस्य जंग बहादुर बेदी, सचिव योगेश ठाकुर, उपाध्यक्ष गौरव वढेरा. महासचिव. सुनील खोसला .सचिव .रमेश कुमार टोला .सचिव .युवा उम्मीदवार अमित
विज के खिलाफ एक मंच पर इक्कठे हो गए हैं।
इनका कहना है कि पार्टी ने टिकट गलत आबंटित किया है क्योंकि अधिकृत उमीदवार पिछले पन्द्रह वर्षों से दिल्ली में रह रहा है और रिलायंस कंपनी में कार्यरत है। वह पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं है और न ही उसने टिकट के लिये आवेदन किया। वह पार्टी के जिला प्रधान एवं नगर परिषद के पूर्व प्रधान अनिल विज का बेटा है। इसी कारण उसे टिकट दिया गया ।
पठानकोट सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। पिछली बार 2012 के चुनाव मेें इस सीट पर अधिकृत उम्मीदवार रमन भल्ला के खिलाफ टिकट के दावेदार अशोक शर्मा निर्दलीय उमीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे जिसके
कारण कांग्रेस को यह सीट गंवानी पड़ी।
पार्टी ने श्री शर्मा को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। श्री प्रताप सिंह बाजवा के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर श्री शर्मा की कांग्रेस में वापसी करा दी गयी। श्री शर्मा और श्री भल्ला में छत्तीस का आंकड़ा जग जाहिर है। ये सभी नेता एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। मौकापरस्ती की राजनीति के चलते पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा होते ही ये सभी इक्कठे हो गए और अधिकृत उम्मीदवार का विरोध शुरू हो गया। पार्टी ने इन सभी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पद रेवडियों की तरह बांटे थे।
पार्टी की निगाह मेें इन सभी नौ पदाधिकारियोें में कोई भी जीतने की क्षमता वाला नहीं होने के कारण बाहरी उम्मीदवार को टिकट देनी पड़ी। अभी देखना है कि विरोधी गुट क्या रणनीति अपनाता है। ऐसी अटकलें हैं कि श्री शर्मा आप में शामिल हो सकते हैं या पिछले बार की तरह निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
शर्मा, उप्रेती
वार्ता
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