मुम्बईPosted at: Mar 25 2017 8:13PM विश्व हर्बल फारेस्ट की पहले चरण की प्रक्रिया शुरूचंडीगढ़ 25 मार्च (वार्ता) हरियाणा सरकार ने मोरनी हिल्ज में विकसित किए जाने वाले विश्व हर्बल फारेस्ट के पहले चरण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है । पतंजलि की ओर से आचार्य बालकृष्ण तथा उनकी 40 सदस्यीय टीम ने अब तक 465 विभिन्न किस्मों के पौधों की प्रजातियों की पहचान की है और इस दिशा में युद्ध स्तर पर जड़ी-बूटियों की पहचान करने के लिए टीम काम कर रही है तथा एक हजार विभिन्न किस्मों की जड़ी-बूटियों की पहचान विशेषज्ञों की टीम द्वारा की जा रही है। इस मौके पर आचार्य बाल कृष्ण ने बताया कि मोरनी क्षेत्र में विकसित किए जाने वाले हर्बल फारेस्ट के विकसित होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मोरनी क्षेत्र में हरड़. हल्दी का उत्पादन होता है और उनके संस्थान का प्रयास रहेगा कि उनके उत्पादन को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोरनी क्षेत्र में देसी किस्म की गाय भी पाई जाती है और किसान गौ मूत्र से अर्क निकाल बाजार में मुनाफा कमा सकते हैं। इस नयी परियोजना के लिए पतंजलि मोरनी क्षेत्र में कोई जमीन लीज पर नहीं ली बल्कि स्थानीय किसानों से ही खेती करवाई जाएगी और इसको औषधीय पौधों की नर्सरी के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि मोरनी क्षेत्र विश्व में आकर्षण का केन्द्र बनेगा तथा विश्व में पता लगेगा कि औषधीय पौधे सिर्फ मोरनी क्षेत्र में ही मिलते हैं। उन्होंने कहा कि बरसात में नये औषधीय पौधे पैदा होते हैं उनकी पहचान की जाएगी। मोरनी में जितनी भी जड़ी-बूटिया पैदा हो रही हैं उन्हें प्रयोग में लाया जाएगा। मोरनी क्षेत्र में ऐसे औषधीय पौधे उगते हैं जो विश्व के किसी कोने में इस संस्थान को प्राप्त नहीं हुए हैं। शर्मा.श्रवण