मुम्बईPosted at: Apr 25 2017 9:59PM सामाजिक, लोकतांत्रिक आदर्शों का संरक्षण करें विश्वविद्यालय:प्रणव
पणजी,25 अप्रैल(वार्ता) राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विश्वविद्यालयों को सामाजिक संस्थान करार देते हुये आज कहा कि इन्हें लोकतांत्रिक और सामाजिक आदर्शों के संरक्षण की जिम्मेदारी निभानी चाहिये। श्री मुखर्जी ने यहां गोवा विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि उच्च शिक्षा केंद्र सामाजिक संस्थान भी हैं और इन्हें इस रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। विश्वविद्यालयों का समाज के साथ संबंध जोड़ने से वे मूल्य आधारित शिक्षा देने के साथ-साथ छात्रों को जटिल सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के सामाधान खोजने के लिये प्रेरित कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को लोकतांत्रिक आदर्शों का प्रतीक बनकर उनके संरक्षण की दिशा में कदम उठाने चाहिये। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नेतृत्व में सात दशक पहले गठित विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग की सिफारिशों का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि इस आयोग ने भी विश्व से लोकतांत्रिक आदर्शों का संरक्षण करने को कहा था और यह सिफारिश आज भी प्रासंगिक है। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वे केवल प्रतिस्पर्धी पेशेवर पैदा न करें बल्कि गुणी और चरित्रवान नागरिक तैयार करें। उन्होंने कहा कि छात्र अपनी संस्कृति और सभ्यता को आत्मसात करने पर ध्यान दें। विश्वविद्यालय से ऐसे छात्र निकलें जो आगे चलकर स्वयं परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्वविद्यालयों की अपेक्षओं पर खरा उतर सकें। उन्होंने कहा कि छात्रों को विश्व में ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिये जिससे की वे मौजूदा समय की पर्यावरण के ह्रास और संसाधनों की कमी की चुनौतियों से निपट सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आर्थिक और सामाजिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। संजीव.राहुल.श्रवण जारी.वार्ता