खेलPosted at: Feb 4 2018 8:49PM कोच पर दुविधा से प्योंगयोंग नहीं जा सके जगदीश
नयी दिल्ली, 04 फरवरी (वार्ता) दक्षिण कोरिया के प्योंगयोंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारतीय प्रतिनिधि क्रॉस कंट्री स्कायर जगदीश सिंह अपने कोच को लेकर पैदा हुई दुविधा के चक्कर में अन्य एथलीटों के साथ ओलंपिक शहर के लिये रवाना ही नहीं हो पाये हैं।
जगदीश के लिये उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गयी जब वह अपने कोच को लेकर दुविधा के चक्कर में प्योंगयोंग के लिये फ्लाइट नहीं ले सके। भारतीय एथलीट को अपने कोच के साथ ही रवाना होना था। इसी दौरान ल्यूगर शिवा केशवन और बाकी खिलाड़ी भी टीम प्योंगयोंग के लिये रवाना हुये।
लेकिन भारतीय शीतकालीन खेल संघ (डब्ल्यूजीएफआई) और जगदीश की एम्पलॉयर भारतीय सेना ने उन्हें उनके नामित कोचों के साथ ही प्योंगयोंग रवाना होने के लिये जोर दिया जहां सारा विवाद पैदा हो गया। एक ओर डब्ल्यूजीएफआई ने कर्नल(सेवानिवृत्त) जोध सिंह ढिल्लन और महासचिव रौशन लाल ठाकुर को बतौर कोच नामित किया था वहीं भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) ने इन दोनों नामों को खारिज कर दिया।
ओलंपिक संघ की दलील थी कि डब्ल्यूजीएफआई गैर मान्यता प्राप्त संस्था है ऐसे में इन कोचों को प्योंगयोंग के लिये नहीं भेजा जा सकता है। दूसरी ओर हाई आल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल(एचएडब्ल्यूएस) ने मेजर जनरल अतुल कौशिक के नाम की सिफारिश की लेकिन आईओए ने इस पर भी पूरी तरह से सहमति नहीं व्यक्त की।
जगदीश गुलमर्ग के एचएडब्ल्यूएस में ट्रेनिंग कर रहे थे। वहीं कोचों को लेकर पैदा हुई दुविधा के कारण जगदीश अपनी फ्लाइट नहीं ले सके। आईओए महासचिव राजीव मेहता ने इस बीच कहा कि जगदीश के टिकट और बाकी दस्तावेज़ तैयार होने के बाद भी वह समय पर फ्लाइट लेने के लिये नहीं पहुंचे। उन्होंने साथ ही बताया कि एचएडब्ल्यूएस ने आईओए के मेल का कोई जवाब नहीं दिया। भारतीय एथलीट के लिये आठ फरवरी से पहले प्योंगयोंग रवाना होना अनिवार्य है।
प्रीति
वार्ता