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अनुयायी स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर का कर सकेंगे दर्शन

नैनीताल 03 नवंबर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय से प्रो. जी. डी. अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के आध्यात्मिक अनुयायियों के लिये सुखद खबर आयी है। उच्चतम न्यायालय ने स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने की अनुमति प्रदान कर दी है। स्वामी सानंद के अनुयायी अब रविवार के दिन पार्थिव शरीर के दर्शन कर सकेंगे।
उच्चतम न्यायालय के अनुसार कुल 500 दर्शनार्थी ही पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकेंगे। अनुयायी एम्स ऋषिकेश में ही स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकेंगे। उच्चतम न्यायालय की ओर से लगातार दस रविवार तक पार्थिव शरीर के दर्शन करने की अनुमति दी गयी है। रविवार को अधिकतम 50 अनुयायी ही दर्शन को जा सकेंगे। एक समूह में 10 अनुयायी दर्शन को जायेंगे। यानी अधिकतम पांच समूह में ही 50 अनुयायी दर्शन कर सकेंगे और इसके लिये अनुयायियाें को एक घंटे का समय प्रदान किया गया है।
उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामले में कल शुक्रवार को सुनवाई हुई। प्रतिवादी डा. विजय वर्मा के वकील अजयवीर पुंडीर ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कुछ हद तक उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है। आज जारी आदेश में उच्चतम न्यायालय की ओर से कहा गया है कि स्वामी सानंद ने अपना शरीर ऋषिकेश स्थित एम्स को मेडिकल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये दिया था। पार्थिव शरीर के अंगों का प्रत्यारोपण नहीं किया जाना था।
उच्चतम न्यायालय ने एम्स के एनाटॉमी विभाग के चिकित्सक डा. मृणाल वर्मा और डा. विवेक मिश्रा के बयान के बाद पार्थिव शरीर को नुकसान पहुंचाये बिना अंतिम दर्शन की अनुमति प्रदान कर दी। उच्चतम न्यायालय की ओर इस मामले में विगत 26 अक्टूबर को रोक लगा दी गयी थी। साथ ही एम्स को इस मामले में विशेष याचिका दायर करने को कहा था।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विगत 26 अक्टूबर को सानंद के आध्यात्मिक अनुयायी डा. विजय वर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद पार्थिव शरीर के दर्शन करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। हाईकोर्ट ने 72 घंटों के लिये शव को हरिद्वार स्थित मातृ सदन में रखने की अनुमति प्रदान की थी। उच्च न्यायालय के फैसले को एम्स की ओर से उसी दिन शाम को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। उच्चतम न्यायालय ने उसी दिन उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक जारी कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत पिछले महीने 11 अक्टूबर को हो गयी थी। वे गंगा के अनवरत बहाव के लिये हरिद्वार के मातृसदन में पिछले लगभग 111 दिन से उपवास पर बैठे थे। उन्होंने इस दौरान अन्न का त्याग कर दिया था। उनकी तबियत बिगड़ने लगी तो पुलिस ने एक दिन पहले उन्हें जबर्दस्ती ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कर दिया था।
स्वामी सानंद ने मरने के बाद अपने पार्थिव शरीर को मेडिकल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये एम्स को दान दे दिया था। साथ ही आंखें राजेन्द्र आई बैंक को दान कर दी थी।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता
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