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तेंदुओं को पकड़ने के लिये जुटी पांच टीमें

नैनीताल 14 नवम्बर (वार्ता) उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आदमखोर तेंदुओं का मामला गरमाता जा रहा है। जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जहां आदमखोर तेंदुए के आतंक को लेकर पीड़ित जनता के घावों पर मरहम लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर द्यानगढ़ क्षेत्र की पीड़ित जनता ने आज सरकार का पुतला फूंका।
श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार आदमखोर तेंदुओं को पकड़ने के लिये गंभीर है और उसने कई टीमें तैनात कर दी हैं।
मुख्यमंत्री गुरुवार को बागेश्वर जिले के दौरे पर है। इस दौरान उन्होंने जिले में लगातार हो रहे तेंदुओं के हमले पर सफाई दी। उन्होंने बागेश्वर में तेंदुओं के हमले में मारे गये सात बच्चों की घटना को दुखद बताया और कहा कि सरकार ने तेंदुओं को पकड़ने के लिये कई टीमों को लगाया है।
दूसरी ओर सदमे में जी रहे द्यानगढ़ की पीड़ित जनता के पक्ष में बागेश्वर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता आगे आये और उन्होंने सरकार का पुतला फूंका। लोगों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाये और तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने में नाकाम रहने पर सरकार की जमकर खिंचाई की। लोगों का कहना है कि वे आज भी तेंदुए के आतंक के साये में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
बागेश्वर की जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने बताया कि तेंदुओं को पकड़ने के लिये प्रशासन ने तीन टीमें गठित कर रखी हैं। इन टीमों में वन विभाग, राजस्व एवं पुलिस कर्मी शामिल हैं। इसके अलावा वन विभाग की ओर से भी विशेषज्ञों की दो टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ये टीमें आदमखोर तेंदुओं को पकड़ने के लिए काम करेंगी।
उन्होंने बताया कि एक टीम चमोली जिले से बुलायी गयी। यह टीम उत्तराखंड के प्रसिद्ध शिकारी लखपत सिंह की अगुवाई में गरूड़ क्षेत्र में तैनात है जबकि दूसरी टीम को पौड़ी जिले से बुलाया गया है। यह टीम भी प्रभावित क्षेत्र में तेंदुए को पकड़ने में लगी है। उन्होंने बताया कि इस टीम में वन विभाग के कर्मचारी भी विशेषज्ञों के साथ काम कर रही हैं।
रवीन्द्र. उप्रेती
वार्ता
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