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केरल विधान सभा से यूडीएफ का बहिर्गमन

तिरुवनंतपुरम 30 जनवरी (वार्ता) केरल विधान सभा में बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने में राज्य सरकार के विफल रहने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्थाव ठुकराये जाने के खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सदस्यों ने बुधवार को सदन से बहिर्गमन किया।
‘केरल के पुनर्निर्माण’ में सरकार की विफलता के मुद्दे पर सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश करने वाले कांग्रेस नेता वी. डी सतीशन ने कहा कि बाढ़ के भीषण प्रकोप के पांच महीने बाद भी सरकार पीड़ितों को सहायता राशि मुहैया नहीं करा पायी है।
उन्होंने कहा कि सहायता राशि के हकदार कई बाढ़ पीड़ितों के नाम राजनीति कारणों से सूची में शामिल नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार से बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि मुहैया करने के लिए विशेष न्यायाधिकरण का गठन करने की अपील की।
श्री सतीशन के सवालों का जवाब देते हुए राज्य के वित्त मंत्री ई. चंद्रशेखर ने विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि सहायता प्राप्त लोगों की संख्या और राशि सूचीबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि निष्पक्ष तथा कानून के मुताबिक दी गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिका केरल का पुनर्निर्माण करना है।
खुद के विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों के बुरे अनुभवों को बताने वाले कांग्रेस सदस्य ने कहा कि सात हजार करोड़ रुपये में से 25 प्रतिशत राशि अभी तक बाढ़ पीड़ितों के बीच नहीं बांटी गयी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कम लोगों का सहायता राशि देना पड़े, इसके लिए बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों की संख्या 16,000 से घटाकर 13,000 करने का निर्देश दिया है।
उधर मंत्री ने कहा कि राज्य के 687934 परिवारों को अभी तक 10-10 हजार रुपये सहायता राशि के तौर पर दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि निवेदनों को भरने के बाद लगभग 77041 परिवार सहायता राशि पाने के लिए योग्य पाए गए हैं, जो दर्शाता है कि सरकार इस आपदा के प्रति अनिच्छुक नहीं है।
उन्होंने बताया कि 255964 बाढ़ पीड़ित परिवारों में 130606 परिवारों को सहायता राशि दी जा चुकी है। बाकी बचे हुए लोगों को 15 फरवरी के बाद सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि घरों के क्षतिग्रस्त होने से जुड़े 54792 अन्य मामले अधिकारियों के पास विचाराधीन पड़े हुए हैं। इन मामलों का निपटारा 31 जनवरी के बाद किया जाएगा।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी देने से इंकार कर दिया।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि सरकार की अनदेखी की वजह से हजारों लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं। इसके बाद विपक्ष सदस्य सरकार के कदम के विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गए।
संतोष.संजय
वार्ता
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